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क्यों एक मुलाकात से अचानक सुर्खियों में हैं मिथुन चक्रवर्ती?

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार सुबह मिथुन चक्रवर्ती के घर पहुंचे। दोनों की मुलाकात को सियासी गलियारों में बेहद अहम माना जा रहा है।

मुंबई (जोशहोश डेस्क) बाॅलीवुड के सुपरस्टार रहे मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) मंगलवार सुबह से अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। मिथुन चक्रवर्ती को लेकर मुंबई से दिल्ली और कोलकाता तक अटकलों का दौर चल रहा है। इसके पीछे कारण एक मुलाकात है। जो आज सुबह मुंबई स्थित मिथुन के घर पर हुई है।

दरअसल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार सुबह मिथुन चक्रवर्ती के घर पहुंचे। दोनों काफी देर तक साथ थी रहे। पश्चिम बंगाल के चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत की मिथुन चक्रवर्ती से मुलाकात को सियासी गलियारों में बेहद अहम माना जा रहा है। हालांकि मिथुन ने इस मुलाकात को औपचारिक बताया है।

मिथुन चक्रवती बाॅलीवुड की पारी खेलने के बाद सियासी पारी भी खेल चुके हैं। वे ममता बैनर्जी की पार्टी टीएमसी से राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं। सारदा चिटफंड घोटाले में नाम सामने आने के बाद मिथुन ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब उन्होंने इस्तीफे का कारण अपने गिरते स्वास्थ्य को बताया था।

इसके बाद से ही मिथुन सियासत से दूर हो गए लेकिन 2019 में अचानक वे संघ मुख्यालय पहुंचे थे। यहां उनकी संघ प्रमुख मोहन भागवत से लंबी मुलाकात हुई थी। इसके बाद से ही यह अनुमान लगाया जाने लगा था कि मिथुन अब भगवा विचारधारा के करीब हो गए हैं।

संघ मुख्यालय में मिथुन चक्रवर्ती

बाॅलीवुड में कदम रखने से पहले मिथुन को नक्सली विचारधारा का समर्थक कहा जाता था। मिथुन माकपा नेता सुभाष चक्रवर्ती के करीबी भी माने जाते थे। साल 2011 में ममता बैनर्जी ने धमाकेदार जीत के बाद मिथुन को अपनी पार्टी से राज्यसभा भेजे जाने का प्रस्ताव दिया। जिसे मिथुन ने स्वीकार कर लिया था। इस तरह साल 2014 में बतौर टीएमसी सांसद मिथुन की सियासी पारी का आगाज हुआ।

ममता बैनर्जी की पार्टी और मिथुन की जुगलबंदी लंबे समय तक कायम नहीं रही। मई 2018 में मिथुन ने व्यक्तिगत कारणों से राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। वे स्वास्थ्यगत कारणों से राज्यसभा के सत्रों में भाग नहीं ले पा रहे थे। कहा जाता है कि चिटफंड घोटाले में नाम आने से भी मिथुन आहत थे।

राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मिथुन सियासी गलियारों में उस समय चर्चा में आए जब वे अक्टूबर 2019 में नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पहुंचे।अब एक बार फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत से उनकी मुलाकात हुई है। इसके बाद यह कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल होकर अपनी दूसरी सियासी पारी का आगाज कर सकते हैं।

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