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यूक्रेन में फंसी बेटी: विदिशा में मां से PMO के नाम पर 42 हज़ार का फ्रॉड

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के परिजनों से प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम पर ठगी का मामला।

विदिशा (जोशहोश डेस्क) रूस ने गुरुवार सुबह यूक्रेन पर हमला बोल दिया। यूक्रेन की विपरीत परिस्थितियों में फंसे करीब 20 हजार भारतीय छात्र मदद के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं। वहीं अब संकट के समय यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के परिजनों से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के नाम पर ठगी के मामले भी सामने आने लगे हैं। विदिशा में ऐसे ही एक मामले की शिकायत पुलिस से की गई है।

विदिशा निवासी मेडिकल स्टूडेंट सृष्टि विल्सन कीव में फंस गई हैं। उनकी मां वैशाली अपनी बेटी को भारत लाने के नाम पर फ्रॉड का शिकार हो गईं। वैशाली को प्रिंस नामक व्यक्ति ने PMO के नाम से कॉल किया और टिकट उपलब्ध कराने के नाम पर 42 हजार रुपए ट्रांसफर करा लिए। खाते में पैसा ट्रांसफर होने के बाद तक प्रिंस लगातार टिकट भेजने की बात कहता रहा लेकिन उसने गुरुवार को फोन बंद कर लिया।

वैशाली के पास बुधवार सुबह 11 बजे कॉल आया था। फोन करने वाले ने खुद को PMO का कर्मचारी बताया। वैशाली विल्सन को भरोसे में लेने के लिए प्रिंस ने उन्हें अपने विजिटिंग कार्ड भी भी भेजा। कार्ड पर उसने खुद को पीएमओ में पर्सनल असिस्टेंट लिखा था। प्रिंस ने वैशाली से यह तक कहा कि अगर कोई और भी यूक्रेन में फंसा हो तो वह उसे भी टिकट उपलब्ध करा देगा।

वैशाली के मुताबिक प्रिंस ने पहले कहा था कि बुधवार दोपहर 4 बजे आपको टिकट भेज दूंगा। इसके बाद वह लगातार टालमटोली करता रहा। आखिर बार उसने गुरुवार दोपहर 2 बजे टिकट भेजने की बात कही। इसके बाद उसका नंबर बंद हो गया। वैशाली ने प्रिंस के 2 अकाउंट में तीन बार में रुपए ट्रांसफर किये थे।

इस मामले में वैशाली विल्सन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से भी संपर्क किया। प्रियंक कानूनगो ने जब PMO से प्रिंस नाम की डिटेल ली तो पता चला कि PMO में प्रिंस नाम का कोई कर्मचारी काम नहीं करता। यह जानकारी मिलने के बाद अब वैशाली विल्सन ने कोतवाली थाने में पूरे मांमले की लिखित शिकायत की है।

इससे पहले वैशाली विल्सन ने अपनी बेटी सृष्टि की सुरक्षित वापसी के लिए CM हेल्पलाइन से भी मदद मांगी थी। वैशाली विल्सन ने जब मदद के लिए कॉल किया तो हेल्पलाइन से उन्हें जवाब मिला था कि हम यहां से कुछ नहीं कर सकते, आप यूक्रेन के थाने में ही केस दर्ज कराएं।

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