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मोरबी ब्रिज मेंटेनेंस पर 2 करोड़ खर्च की बात भी जुमला, 28 लाख में की खानापूर्ति

मोरबी ब्रिज को करीब 2 करोड़ की लागत से रिनोवेट किए जाने की बात निकली बोगस, कंपनी ने मेंटेनेंस के खर्च में ही कर दिया घोटाला

गांधीनगर (जोशहोश डेस्क) गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के बाद केबिल ब्रिज का संचालन करने वाली कंपनी को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हादसे के समय यह बात सामने आई थी कि मोरबी ब्रिज को करीब 2 करोड़ की लागत से रिनोवेट किया गया था लेकिन ब्रिज के मेंटेनेंस पर दो करोड़ रुपए खर्च किए जाने की बात बोगस निकली है। ब्रिज का संचालन करने वाली ओरेवा कंपनी ने महज 28 लाख रुपए खर्च कर मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी थी।

सरकारी वकील द्वारा कोर्ट में रखी गई जानकारी के मुताबिक ओरेवा कंपनी को ब्रिज की मरम्मत पर दो करोड़ रुपए खर्च करना था लेकिन कंपनी ने मेंटेनेंस के खर्च में ही घोटाला कर दिया। कंपनी ने लोगों की सुरक्षा को अनदेखा करते हुए केवल 28 लाख रुपए ही ब्रिज की मरम्मत पर खर्च किए। गुजरात पुलिस ने अदालत में कहा है कि मोरबी ब्रिज के केबल पुराने और जंग लगे हुए थे अगर केबल को रिपेयर किया जाता (या बदला जाता) तो हादसा नहीं होता।

बड़ी बात यह है कि मरम्मत के दौरान ब्रिज की केबल तो बदली ही नहीं गई बल्कि केवल फ्लोर की मरम्मत कर ही ब्रिज को जनता के लिए दोबारा खोल दिया गया। यही नहीं इसके लिए कलेक्टर से अनुमति भी नहीं ली गई थी। लापरवाही यह भी रही कि ब्रिज समय से पहले और बिना अनुमति शुरू होने के बाद भी स्थानीय प्रशासन आंखें बंद किए रहा जिसका नतीजा एक बड़े हादसे के रूप में सामने आया।

यह भी सामने आया था कि केबिल ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की थी। हादसे के समय 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400 से ज्यादा लोग उपस्थित थे। पुल पर जाने के लिए टिकट सिस्टम था, ऐसे में यह तय है कि केबिल ब्रिज ऑपरेट कर रही निजी कंपनी ने मुनाफा कमाने क्षमता से कहीं ज्यादा टिकट बेचे। हादसे के समय यह बात सामने आई थी कि मोरबी ब्रिज को रिनोवेशन के लिए 6 माह पहले बंद किया गया था और करीब 2 करोड़ की लागत से इसे रिनोवेट कर हादसे के 4 दिन पहले ही खोला गया था।

गौरतलब है कि हादसे को लेकर अब तक कार्रवाई के नाम पर नौ लोगों को अरेस्ट किया गया है। इनमें पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स शामिल हैं।ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल हैं जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें भी वायरल हैं। हादसे में 140 मौतों के बाद भी अब तक ओरेवा ग्रुप के मालिक के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ नहीं किया गया है।

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