MP

जल्द ही आप वन विहार में उठाएंगे नाइट सफारी का मज़ा !

मध्यप्रदेश की राजधानी स्थित राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में नाइट सफारी की शुरुआत की जाएगी।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश की राजधानी स्थित राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में नाइट सफारी की शुरुआत की जाएगी, यह मॉडल के रुप में विकसित होगा ताकि सिंगापुर तक से लोग यहां आएं। भोपाल में वन विहार अपने आप में एक बड़ी सौगात है। इसे ऐसे मॉडल के रूप में विकसित करें कि सिंगापुर से भी लोग नाइट सफारी के लिए यहां आएं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन अकादमी में मुख्य वन संरक्षक एवं वनमंण्डलाधिकारियों की कार्य-शाला में कहा कि वन क्षेत्र में नवाचार बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ना दुनिया के लिए शुभ समाचार है। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में यह मनुष्य ही नहीं, प्राणी मात्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए वन विभाग को बधाई दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वन क्षेत्र में रह रहे भाई-बहनों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहना जरूरी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पात्र व्यक्तियों को बिना किसी परेशानी के वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत पट्टे प्राप्त हों।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने की जितनी जिम्मेदारी वनवासियों की है, उतनी ही सभ्य समाज की भी है। यह देखना जरूरी है कि वनवासियों को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित न किया जाए। वन क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न माफिया पर सख्त कार्यवाही आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए की वन क्षेत्र में नए कब्जे न हों। प्रदेश के टाईगर स्टेट बनने तेंदुआ, घड़ियाल और गिद्धों की संख्या बढ़ने पर मुख्यमंत्री चौहान ने वनाधिकारियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वन अमले की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वन का योगदान दो प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर हमें पांच प्रतिशत करना है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित रोडमैप के अंतर्गत वन विभाग से संबंधित लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा करने की आवश्यकता है।

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने वनों और वन विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता बताई। उन्होंने वन्य क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित हॉट एयर बैलून तथा बफर में सफर जैसे नवाचारों की जानकारी भी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश श्रीवास्तव ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।

Back to top button