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राहुल गांधी बोले- कांग्रेस को छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके पर गर्व

विक्रम अहाके की जीत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी भाव विभोर, फेसबुक पोस्ट में अहाके और उनकी जीत को गर्व करने वाला बताया

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में नगरीय निकाय के प्रथम चरण में हुए चुनाव के नतीजों के बाद छिंदवाड़ा र्चा में है। यहां बेहद साधारण परिवार से संबंध रखने वाले कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम अहाके महापौर चुने गए हैं। विक्रम अहाके की जीत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी भाव विभोर हैं और उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में अहाके और उनकी जीत को गर्व करने वाला बताया है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा-

मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा ‘महापौर’ है ।
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के ‘जिला सचिव’ के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे। हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत है।

वहीं राहुल गांधी की फेसबुक पोस्ट को शेयर करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसका श्रेय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के कांग्रेस जन और जनता को दिया है।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में पिछले 18 सालों से नगर सरकार पर बीजेपी की सत्ता को ध्वस्त कर कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है। कांग्रेस के विक्रम आहाके न केवल महापौर का चुनाव जीते, बल्कि परिषद में भी कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। छिंदवाड़ा में लगभग 18 साल से स्थानीय निकाय में बीजेपी का राज था। 2014 के पहले छिंदवाड़ा में नगर पालिका हुआ करती थी। 2014 में इसे नगर पालिका से नगर निगम बना दिया गया। इसके बाद 2015 में यहां पर पहली बार नगर निगम के लिए चुनाव हुए थे। इसमें बीजेपी की कांता सदारंग पहली महापौर चुनी गईं थीं।

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