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MPTET: परीक्षा से आधा घंटे पहले ही उम्मीदवारों को सेंड कर दिए थे आंसर

सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस सेंटर से न सिर्फ पेपर के स्क्रीन शॉट वायरल हुए बल्कि यहाँ उम्मीदवारों को गूगल से देख आंसर भी भेजे गए।

भोपाल/ सागर (जोशहोश डेस्क) मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (MPTET) में फर्ज़ीवाड़े को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है। अब यह बात भी सामने आई है कि​​​​ सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस सेंटर से न सिर्फ पेपर के स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे बल्कि यहाँ उम्मीदवारों को गूगल से देखकर आंसर भी भेजे गए थे। यह कॉलेज प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे का है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में पहले व्यापमं (अब कर्मचारी चयन बोर्ड) बड़ा एक्शन लेने जा रहा था लेकिन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के परिवार से जुड़ा मामला सामने आने के बाद अब FIR से पहले जांच की बात कही जा रही है।

सांध्य दैनिक प्रदेश टुडे के मुताबिक परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के परिवार से जुड़े ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट सागर के सर्वर-रूम में पेपर के स्क्रीनशॉट लिए गए थे। 25 मार्च के पेपर के स्क्रीन शॉट के साथ उनके जवाब गूगल से ढूंढकर उम्मीदवार को भेजे गये। ये पूरा घटनाक्रम परीक्षा शुरू होने के आधा घंटे पूर्व हो चुका था। परीक्षा कराने वाली जयपुर की साई एडुकेयर एजेंसी के कर्मचारियों ने सर्वर रूम में बैठकर पेपर का स्क्रीनशॉट लिया और दूसरे कर्मचारियों ने उसके जवाब गूगल से खोजना शुरू कर दिये। इसके बाद दोनों ने उम्मीदवारों को स्क्रीनशॉट के साथ आंसर तक सेंड कर दिये।

रिपोर्ट के मुताबिक़ परीक्षा हाल में लगा जैमर हॉल के बाहर कार्य नहीं करता है, यानी कंट्रोल रूम में जहां कंपनी के अधिकारी कर्मचारी बैठे थे वहां जैमर काम नहीं कर रहा था। पूरे कॉलेज में यहीं नेट चालू था। इस चूक का फायदा उठाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक पहले इस मामले में व्यापमं बड़ा एक्शन करने वाला था लेकिन जैसे ही पता चला कॉलेज मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के परिवार का है तो फिर एफआईआर नहीं कराई गई।

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इस खुलासे से पहले यह सामने आया था कि MP TET-2020 परीक्षा के पेपर के जो स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे वह प्रश्न सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेस सेंटर के परीक्षार्थी मनोज कुमार पाटिल के प्रश्नपत्र के थे। हालांकि कॉलेज के प्रशासकीय अधिकारी मनीष जैन ने वायरल पेपर की बात से पल्ला झाड़ लिया है। मनीष जैन के मुताबिक MPTET के लिए साईं एडुकेयर नाम की संस्था ने एग्रीमेंट कर बिल्डिंग किराए पर ली थी। इसलिए कॉलेज की इस सबंध में कोई जिम्मेदारी नहीं है।

इधर कांग्रेस पेपर के स्क्रीन शॉट​​​​​ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज से लीक होने के खुलासे के बाद हमलावर है। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंत्री गोविंद राजपूत के इस्तीफे की मांग की गई-

इससे पहले व्यापमं अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित MP-TET के 25 मार्च को हुए ऑनलाइन टेस्ट के प्रश्नों के स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए थे , यही प्रश्न PEB द्वारा जारी रिस्पॉन्स शीट में दिए गए प्रश्नों से पूरी तरह मिल रहे थे। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई थी। कांग्रेस ने इसे व्यापमं सीरीज-2 बताते हुए शिवराज सरकार पर सवाल उठाये थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे मध्यप्रदेश में व्यापम पार्ट 2 करार दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि व्यापम का नाम जरूर बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है। वहींप्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने सवाल उठाया था कि जिस कम्पनी को केंद्र सरकार ने ही अयोग्य माना था,उसे शिक्षक वर्ग-3 परीक्षा कराने का ठेका क्यों मिला, किसने दिलवाया? उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की जांच की मांग भी की है?

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गौरतलब है कि ग्वालियर के मदन मोहन दौहरे नाम के परीक्षार्थी ने MP-TET (मध्यप्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) ने पेपर लीक का दावा करते हुए परीक्षा में फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाया था। मदन मोहन का कहना था कि जब वह परीक्षा देकर लौट रहा था तब उसने एक व्यक्ति के मोबाइल में MP-TET पूरा पेपर देखा था। मदन मोहन का कहना था कि मोबाइल में उसने जो पेपर देखा वह परीक्षा में आये पेपर से पूरी तरह मिल रहा था जबकि सेंटर से पेपर बाहर लाया ही नहीं जा सकता। मदन मोहन ने मोबाइल में पेपर के स्क्रीनशॉट को सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर ट्वीट कर सवाल भी उठाये थे। उसने लिखा था कि- यह क्या हो रहा है? क्या इसी प्रकार सभी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा होता रहेगा। बेरोजगारों की प्रतिभा का ऐसे ही हनन होता रहेगा।

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