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राजमाता V/S महारानी: जानिए क्यों तार-तार हो रही पन्ना राजपरिवार की प्रतिष्ठा

राजपरिवार में संपत्ति को लेकर विवाद दो दशक पुराना हो चुका है।

पन्ना (जोशहोश डेस्क) पन्ना राजपरिवार एक बार फिर सुर्खियों में है। राजपरिवार में संपत्ति को लेकर राजमाता दिलहर कुमारी और महारानी जीतेश्वरी का विवाद पूर्वजों की प्रतिष्ठा को तार-तार कर रहा है। राजमाता की शिकायत के बाद अब महारानी जीतेश्वरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। राजपरिवार में संपत्ति को लेकर विवाद दो दशक से ज्यादा पुराना हो चुका है। महाराजा की मौत के बाद कुछ दिनों की शांति के बाद यह विवाद फिर सामने आया है।

डायमंड समाचार में शिवप्रकाश त्रिपाठी ने पूरे विवाद पर विस्तृत रिपोर्ट दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस बार राजपरिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य राजमाता दिलहर कुमारी की शिकायत पर पुलिस ने महारानी जीतेश्वरी कुमारी, उनके पति महाराज राघवेंद्र सिंह,पुुत्र, बेटियों और अन्य लोगों के खिलाफ आर्म्स एक्ट, मारपीट ,गाली-गलौज ,धमकी घर में अवैध प्रवेश सहित विभिन्न धाराओं पर मामला दर्ज किया है जिसमें जीतेश्वरी कुमारी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेेज दिया गया है।

राजमाता दिलहर कुमारी

हीरों की अकूत संपत्ति

पन्ना राजपरिवार आजाद भारत के पूर्व एक प्रतिष्ठित राजपरिवारो में था इनकी धाक दूर-दूर तक थी। कहा जाता है कि महाराजा छत्रसाल के वंशजों के पास हीरों की अकूत संपत्ति है। इसी संपत्ति को पाने के लिए सभी सदस्य एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं। जिसको लेकर मां-पुत्र,सास–बहू , देवर और भाभी का परिवार आपस में लड़ रहा है। राजमहल के अलग-अलग हिस्से में इन लोगों का कब्जा है और कई मामले पन्ना के न्यायालयों में विचाराधीन हैं।

राघवेंद्र सिंह एवं जीतेश्वरी कुमारी

महाराजा छत्रसाल के वंशज पन्ना राजपरिवार के अंतिम वैधानिक शासक महाराज यादवेंद्र सिंह थे। उनके पुत्र नरेंद्र सिंह जूदेव की अच्छी प्रतिष्ठा रही। उनके दो पुत्र महाराज मानवेंद्र सिंह और लोकेंद्र सिंह हुए। मानवेंद्र सिंह की पत्नी राजमाता दिलहर कुमारी है जिनकी दो संताने महाराज राघवेंद्र सिंह एवं राजकुमारी कृष्णा कुमारी हैं।दिलहर कुमारी की बहू जीतेश्वरी कुमारी और उनकी तीन संताने 1 पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। वही महाराज नरेंद्र सिंह के दूसरे पुत्र लोकेंद्र सिंह थे।जिनकी मृत्यु 2020 में हुई। पन्ना टाइगर रिजर्व के संस्थापक, सांसद और विधायक हुए उनकी पत्नी महारानी इंदिरा कुमारी एवं पुत्री कामाख्या कुमारी हैं जो नागौद राजपरिवार से ताल्लुक रखती हैं। वर्तमान में राजमहल की संपत्ति मैं दावा करने वाले तीन गुट है।

दिलहर कुमारी की पुत्री राजकुमारी कृष्णा कुमारी

पहला गुट दिलहर कुमारी और कृष्णा कुमारी का है। कृष्णा कुमारी सलाह के बाद अपनी मां के साथ रह रही है। दूसरा गुट राघवेंद्र सिंह और जीतेश्वरी कुमारी तथा तीसरा गुट लोकेंद्र सिंह की पत्नी इंदिरा कुमारी एवं कामाख्या कुमारी का है। जो राज महल और इनकी संपत्तियों में अपना अधिकार जता रहे हैं। संपत्तियों पर अधिकार की यही लड़ाई अब महल से निकलकर अब [थाने और अदालत के दरवाजे तक पहुंच गई है।

दो दशक से दुश्मन

संपत्ति को लेकर पन्ना का यह सबसे प्रतिष्ठित परिवार बीते दो दशक से एक दूसरे का दुश्मन बना हुआ है इस परिवार में मां- बेटा, सास-बहू, भाई-बहन के भी रिश्ते तार-तार हो रहे है क्योंकि इसके पूर्व भी कई बार ऐसी मारपीट गाली-गलौज उपद्रव, संपत्ति हड़पने के आरोप लगते और लगाते रहे हैं।जिसमें मां दिलहर कुमारी की शिकायत पर बेटा राघवेंद्र 1 वर्ष तक तिहाड़ जेल में रहा है इसी तरह मारपीट के एक मामले में जीतेश्वरी कुमारी को पहले सजा हुई बाद में ऊपरी अदालत से बरी हो गई।

क्या है FIR में

राजमाता दिलहर कुमारी ने एक माह पूर्व कोतवाली पन्ना में FIR दर्ज कराई है कि शराब के नशे में एक राय होकर छह आरोपी आए और उनके घर में प्रवेश कर दरवाजे, पाइपलाइन में तोड़फोड़ की तथा जान से मारने की धमकी देकर चले गए हाथ में अवैध कट्टा लिए हुए थे जिससे उनको जान का खतरा है यह रिपोर्ट एक मां दिलहर कुमारी ने अपने पुत्र राघवेंद्र सिंह, पुत्रवधू जितेशवरी कुमारी, एकमात्र नाती एवं 2 नातिनो के खिलाफ लिखाई है जिसमें एक अन्य आरोपी सलीम खान भी हैं जो जितेशवरी कुमारी का खास है जिसे पहले गिरफ्तार कर लिया गया था अब जमानत पर रिहा है।

वही गिरफ्तारी के बाद जीतेश्वरी कुमारी ने मामले को झूठ बताया है और कहा कि मुझ पर साजिश के तहत कार्यवाही की जा रही है। जमानत खारिज होने और जेल भेजे जाने के बाद उनके वकील एम एल अवस्थी एवं बृजभान यादव ने बताया कि महारानी जीतेश्वरी कुमारी अपने महल में थी तब झूठा मामला दर्ज करा दिया गया उनको राजनीतिक नुकसान पहुंचाने की नियत से और छवि को खराब करने के उद्देश्य झूठा मामला दर्ज कराया है।

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