न्यू इंडिया: गुंडागर्दी करोगे तो खीर देंगे, नौकरी मांगोगे तो चीर देंगे
पत्रकार-लेखक राकेश कायस्थ की RRB NTPC परीक्षार्थियों पर बलप्रयोग के संदर्भ में फेसबुक पोस्ट।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुलिस ने न्यू इंडिया की सुंदर झांकी प्रस्तुत की। नौकरी माँगने वालों को दौड़ा-दौड़ाकर बंदूक़ के कुंदों से पीटा गया। ये वही पुलिस थी जो कांवड़ियों के पाँव दबाती है और साधु वेशधारी गुंडों के उत्पात के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के बदले हाथ जोड़े खड़ी रहती है। सरकारी तंत्र का व्यवस्थित अपराधीकरण नये भारत की सबसे अनोखी बात है। यह एक डरावना बदलाव है, जिसका असर बरसों तक बना रहेगा, सरकार चाहे किसी की भी आ जाये।
मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व का संदेश युवा पीढ़ी के लिए साफ़ है–
गुंडागर्दी करोगे तो खीर देंगे
नौकरी माँगोगे तो चीर देंगे
सवर्ण मध्यमवर्ग यह सब देखकर खुश है, क्योंकि उसे लगता है कि हमारे बच्चे तो किसी बढ़िया मल्टी-नेशनल में काम कर रहेंगे, जो सरकारी नौकरियों के लिए पिट रहे हैं, वो पिटते रहे। मगर उन्हें पता नहीं है कि प्रसाद की होम डिलीवरी बहुत जल्द उन तक भी पहुँचने वाली है।
हरिशंकर परसाई ने 26 जनवरी पर `ठिठुरता गणतंत्र’ नाम से प्रसिद्ध व्यंग्य रचना की थी। अब शायद गूँगा गणतंत्र या अंधा गणतंत्र लिखते। आँखें खोलकर चारों-तरफ देखने की सद्बुबुद्धि सबको मिले और वाणी निर्भय हो।
इसी कामना के साथ सबको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ