जिग्नेश पर जश्न-बग्गा पर बौखलाहट, न्यू इंडिया में बदले की शर्मनाक सियासत
पंजाब पुलिस द्वारा तजिंदर सिंह बग्गा को अरेस्ट किए जाने के बाद सियासी बवाल, सियासत का मोहरा बनी पुलिस पर सवाल।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी के नेता तजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा अरेस्ट किए जाने के बाद सियासी बवाल चल रहा है। बग्गा के पिता की शिकायत के बाद हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को न सिर्फ रास्ते में रोक लिया बल्कि बग्गा को वापस दिल्ली पुलिस को भी सौंप दिया। पूरे मामले में जिस तरह तीन राज्यों की पुुलिस सियासत का मोहरा बनी है उस पर सवाल उठ रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरोध में एक ट्वीट को लेकर तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी को भाजपा नेताओं द्वारा सत्ता का दुरुपयोग बताया जा रहा है। वहीं पूरी पार्टी बग्गा के समर्थन में पूरी ताकत से खड़ी नजर आ रही है। पार्टी के बड़े नेता तक इसे बदले की कार्रवाई कह लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं।
जबकि कांग्रेस विधायक जिग्नेष मेवानी को एक ट्वीट के लिए जब भाजपाशासित असम पुलिस ने भाजपाशासित गुजरात पुलिस के सहयोग से अरेस्ट किया था तो भाजपा नेताओं ने ही कटाक्ष किये थे और तब भाजपा नेताओं ने सत्ता के दुरुपयोग को लेकर एक भी शब्द कहना मुनासिब नहीं समझा था। यही नहीं जिग्नेष मेवानी को एक मामले में जमानत मिलने पर तत्काल दूसरे मामले में भी अरेस्ट कर लिया गया था। जिस पर जमानत देते समय कोर्ट तक ने तल्ख़ टिप्पणी की थी।
यही कारण रहा कि जब भाजपा नेताओं ने तजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी को सत्ता का दुरुपयोग बताया तो सोशल मीडिया पर उन्हें नसीहतें भी मिलने लगीं-
आप सांसद संजय सिंह ने भी पूरे मामले को लेकर पंजाब पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया और भाजपा को याद कि किस तरह उतरप्रदेश में उनके खिलाफ केस दर्ज़ किये गए थे-
पुलिस को सत्ता का हथियार बनाये जाने को लेकर भी सोशल मीडिया में चिंता दिखाई दी-
कुल मिलाकर दोनों ही प्रकरणों में बदले की सियासत अपने शर्मनाक रूप में सामने आई है। सरकार के विरोध पर इस तरह की बदले की सियासत देश के लोकतंत्र पर आघात की तरह मानी जा रही है। यही कारण है कि बदलाव की राजनीति का नारा बुलंद करने वाले अरविंद केजरीवाल को भी इस मामले में खरी खोटी सुननी पड़ रही हैं।