नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शुक्रवार को महात्मा गांधी पर लिखी पुस्तक ‘मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट’ का विमोचन करते हुए कहा कि कोई हिंदू है तो उसे देशभक्त होना ही पड़ेगा, यह उसके मूल में है। संघ प्रमुख ने कहा कि कोई हिंदू, भारत द्रोही या भारत विरोधी नहीं हो सकता।
वर्ष 2021 के पहले दिन यहां राजघाट पर आयोजित एक समारोह में जेके बजाज और एमडी श्रीनिवास द्वारा लिखित पुस्तक को महात्मा गांधी पर बेहद प्रमाणिक शोध बताते हुए मोहन भागवत ने कहा कि इसके लोकार्पण को लेकर बहुत अटकलें लग सकतीं हैं। लेकिन उसकी आवश्यकता नहीं है।
मोहन भागवत ने कहा कि देश भक्ति की प्रवृत्ति हर व्यक्ति में होती है। भारत में व्यक्ति, इस भूमि को अपना मानता है। जमीन की पूजा, माटी की पूजा सब लोग किसी न किसी रूप में करते हैं। परंतु गांधी जी ने कहा- मेरी देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है।मोहन भागवत ने कहा, हिंदू है तो देशभक्त होना ही पड़ेगा उसको। सोई हुई देशभक्ति को जगाना पड़ता है। कोई हिंदू भारत विरोधी नहीं है।
सरसंघचालक ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि स्वराज की मांग करने वाले बहुत लोग है। स्वराज क्या है जब तक आप स्वधर्म को नहीं समझते तब तक आप स्वधर्म नहीं समझते। भागवत ने सभी के विचारों के सम्मान पर जोर देते हुए कहा, असमहित का मतलब अलगाववाद नहीं है। हमें मिलजुलकर रहना है। हम एक धरती, माता के पुत्र बनकर रह सकते हैं।
हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) के ‘हिन्दू देशभक्त’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और उनसे पूछा है कि अगर सभी हिन्दू देशभक्त होते हैं तो गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बारे में आपका क्या ख्याल है? ओवैसी ने ट्वीट कर पूछा, ”क्या भागवत जवाब देंगे : गांधी जी के हत्यारे गोडसे के बारे में? नेल्ली नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में, 1984 के सिख विरोधी दंगों और 2002 के गुजरात नरसंहार के बारे में?”