इंदौर (जोशहोश डेस्क) मुनव्वर फारूकी मामले में लगातार नए मोड़ आते जा रहे हैं। 2 दिन पहले यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई कि स्थानीय पुलिस ने कॉमेडियन के खिलाफ कोई सबूत नहीं पाया, लेकिन बाद में पुलिस अपने कहे से मुकर गई।
जब इस खबर की तस्दीक इंदौर पुलिस के संबंधित थाने से की तो थाने वालों ने स्पष्ट मना कर दिया और कहा कि सोशल मीडिया में वायरल हुई खबर झूठी है। पुलिस के पास कॉमेडियन के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इसी आधार पर कॉमेडियन को गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि एफआईआर दर्ज करने के बाद मुनव्वर और उनके साथियों को जेल भेज दिया गया था और स्थानीय कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था।
क्या है मामला
एक जनवरी की शाम को इंदौर शहर के मुनरो कैफे में कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के साथ हिदूंवादी संगठन के सदस्यों ने मारपीट की थी और कॉमेडियन को थाने ले जाया गया था। कॉमेडियन मुनव्वर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने शो के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह का अपमान किया है। सोमवार को सोशल मीडिया में यह खबर वायरल हुई थी कि पुलिस के पास फारूकी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
शो में क्या हुआ था
शो में मौजूद चश्मदीद, जीनोशा अग्नीस ने अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट पर उस रात को क्या हुआ था लिखा है- उन्होंने लिखा है कि जैसे ही मुनव्वर को स्पॉटलाइट मिली, तभी पॉलिटिकल कनेक्शन वाला एक शख्स अपने कुछ दोस्तों के साथ जो कि ऑडियंस में बैठे थे, स्टेज पर पहुंच गए। तब तक मुनव्वर फारूकी ने अपना शो शुरू भी नहीं किया था और उस पॉलिटिकल कनेक्शन वाले शख्स ने माइक ले लिया और अपनी धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कहने लगा।
इसके बाद मुनव्वर ने बहुत विनम्रता से साफ भी किया कि उनका उद्देश्य कभी किसी को चोट पहुंचाने का नहीं था। उन्होंने इसके बाद उन लोगों को शो देखने के लिए भी कहा। इसके बाद दोस्तों वाली भीड़ इधर-उधर हो गई और कुछ लोग वहीं रूक गए।
लेकिन इसके बाद मुनव्वर फारूकी ने कुछ देर ही परफॉर्म किया और बाहर भीड़ जमा हो जाने के बाद उन्हें शो कैंसल करना पड़ा। शो के दौरान का एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था जिसमें मुनव्वर फारूकी आराम से लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि स्थानीय विधायक मालिनी सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर तुकोगंज थाने में भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। मुनव्वर फारुकी और चारों अन्य लोगों को 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।