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BJP के चुनावी विज्ञापन में शिवराज सरकार की टूटी सड़कें दिखा दीं, कांग्रेस ने किया पर्दाफाश!

डिजिटल जंग में भाजपा का झूठ एक्सपोज, शिवराज सरकार की जमकर हो रही किरकिरी

भोपाल (जोशहोश डेस्क) विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में दोनों दलों के बीच डिजिटल जंग भी जारी है लेकिन इस जंग में भाजपा का झूठ एक्सपोज हो गया है। इस झूठ के उजागर होने के बाद शिवराज सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है साथ ही पार्टी के डिजिटल कंटेट क्रिएटर्स की भी जमकर खिंचाई की खबर है।

दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने बड़े जोर शोरों से कांग्रेस के 20 साल पुराने शासन की याद दिलाने के लिए सभी फोरम पर अपना चुनावी कैंपेन आरंभ किया था। इस कैंपेन के तहत भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें खस्ताहाल सड़कों के लिए कांग्रेस के 2003 से पहले कार्यकाल को जिम्मेदार बताया गया था। वीडियो को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी शेयर किया था।

अपने चुनाव प्रचार में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंच से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के अमर्यादित भाषा में कांग्रेस की 20 साल पुरानी सरकार की याद दिलाते देखे गए लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज के दावे और पूरे डिजिटल कैंपेन की तब हवा निकल गई जब कांग्रेस पार्टी के फैक्ट चेकिंग विंग ने वीडियो में उपयोग किए गए दावों और विजुअल्स की सच्चाई का फैक्ट चेक किया।

फैक्ट चेक में सामने आया कि भाजपा के प्रचार अभियान के वीडियो में जिन दृश्यों का उपयोग किया गया और जिन सड़कों को खस्ताहाल बता कांग्रेस को कोसा जा रहा था वह सड़कें स्वयं शिवराज सिंह के कार्यकाल की ही थी।साथ ही जिस समय अंधेरा होना बताया जा रहा है वह कार्यकाल भी भाजपा का ही था।

कांग्रेस के फैक्ट चेकिंग विभाग ने बहुत ही साधारण सी तकनीक और कॉमन सेंस का प्रयोग करते हुए पाया कि जिस सड़क को दिग्विजय सरकार के शासनकाल की खराब सड़क बताया जा रहा है वह सड़क भोपाल रेलवे स्टेशन के सामने की है जिसके पीछे रविंद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी का बोर्ड लगा हुआ है। उल्लेखनीय है कि रविंद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी भोपाल में 2018 के बाद शुरू हुई।

इसी तरह रेलवे स्टेशन के जिन विजुअल्स और चित्रों को दिखाया गया उनमें चलने वाले वाहन भी कांग्रेस के समय लांच नहीं हुए थे वह बहुत बाद में मार्केट में आए। कांग्रेस ने भी इस फेक्ट चेक का वीडियो शेयर कर बताया कि किस तरह से भाजपा के झूठे विज्ञापन में एक टाटा मैजिक और सीडी डीलक्स मोटरसाइकिल नजर आ रही है जोकि सब साल 2003 के बाद बाजार में आए हैं।

अब इस फेक्ट चेक के बाद भाजपा का पूरा डिजिटल चुनावी अभियान विवादास्पद हो गया है। यह भी बताया जा रहा है कि इस विज्ञापन के विवादित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने विज्ञापन बनाने वाली कंपनी की बहुत खिंचाई की है। कुल मिलकर सड़को और बिजली के मुद्दे पर का दांव अब भाजपा को ही उलटा पड़ गया है।

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