कुशासन जारी-उम्मीदें हारी: इंदौर के नामी ठेकेदार ने सिस्टम से त्रस्त आकर की आत्महत्या
नगर निगम में अटके करोड़ों के भुगतान को बताया जा रहा आत्महत्या का कारण, कांग्रेस ने उठाया सवाल
इंदौर (जोशहोश डेस्क) इंदौर शहर के चर्चित और बड़े ठेकेदार अमरजीत सिंह पप्पू भाटिया ने आत्महत्या कर ली। पप्पू भाटिया इंदौर नगर निगम के लिए सबसे ज्यादा काम करने वालों में एक थे। आत्महत्या का कारण नगर निगम में अटके उनके करोड़ों के भुगतान को बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पप्पू भाटिया ने इंदौर नगर निगम के विभिन्न वार्डों में चल रहे विकास कार्यों के दौरान ठेकेदार ने करोड़ों का काम किया था, लेकिन निगम की ओर से भुगतान नहीं हो पाया था। वह कर्मचारियों को भी पैसे नहीं बांट पा रहे थे। वहीं निगम से उन पर वर्क ऑर्डर पूरे करने का दवाब बनाया जा रहा था।
कांग्रेस ने पप्पू भाटिया की आत्महत्या को चुनाव नतीजों से जोड़ा है। कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश के करोड़ों लोगों समेत पप्पू भाटिया को सरकार बदलने से प्रदेश की चौपट व्यवस्था दुरुस्त होने की उम्मीद थी लेकिन बेईमान तंत्र ने सभी को निराशा और मायूस कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन केके मिश्रा ने लिखा- ये उदाहरण है कि प्रदेश में कुशासन का अंत नहीं होने से लोगों की उम्मीदें भी टूटी हैं…. पप्पू भाटिया की मौत का जिम्मेदार कौन है ये अब बताने की ज़रूरत नहीं है….? प्रदेश का खाली खज़ाना अब कितनी जानें लेगा,देखना होगा….?
गौरतलब है कि 65 वर्षीय ठेकेदार पप्पू भाटिया की आत्महत्या की जानकारी सोमवार सामने आई। उनके परिजनों का आरोप है कि इंदौर नगर निगण निगम ने उनका 20 करोड़ का भुगतान रोक रखा था। बावजूद इसके वर्क ऑर्डर पूरे करने के लिए अफसर ब्लैक लिस्ट करने की धमकी दे रहे थे। इससे वे परेशान थे। आरोप है कि कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पप्पू भाटिया से करोड़ों का काम कराया गया था। परिजनों के मुताबिक़ नगर निगम से कुल बकाया का 5-10 फीसदी ही मिल रहा था। दूसरी तरफ अफसर वर्क ऑर्डर पूरा करने का दबाव बना रहे थे। काम नहीं करने पर ब्लैक लिस्ट करने की धमकी दे रहे थे।