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MP Tourism : मध्यप्रदेश इस राज्य से मिलकर करेगा विकास

मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों (MP Tourism) का विकास करने की दृष्टि से वर्ष 1978 में म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम का गठन किया गया।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश (MP Tourism) और केरल पर्यटन के बीच करार हुआ है। यह करार से दोनों ही राज्यों के पर्यटन के विकास में मदद मिलेगी। राज्य की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर इन दिनों केरल के प्रवास पर हैं। इस दौरान दोनों राज्यों के बीच करार हुआ है। पर्यटन (MP Tourism) की दृष्टि से इस करार को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि दोनों ही प्रदेशों में पारस्परिक पर्यटन का चहुंमुखी विकास होगा। यह करार पर्यटन की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा।

अपने केरल प्रवास के चौथे दिन 15 जनवरी को पर्यटन मंत्री ठाकुर स्थानीय प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगी। तदुपरांत वे जिला कुमाराकोम के ग्राम्य जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगी। पांचवें दिन 16 जनवरी को मंत्री ठाकुर जिला वायकोम में पेपर (काली मिर्च) यूनिट का भ्रमण करेंगी। ठाकुर वायकोम में सांस्कृतिक अनुभव के बाद स्थानीय महिला प्रतिनिधियों के साथ बैठक में अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगी। सातवें दिन वे कोचीन एयरपोर्ट से भोपाल वापस आयेंगी।

इससे पहले पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने अपने प्रवास के दौरान केरल टूरिज्म दल के साथ बैठक में चर्चा की। वे त्रिवेन्द्रम में सचिव एवं संचालक की उपस्थिति में केरल के पर्यटन मंत्री के साथ लोक कार्यक्रम के आयोजन में भी शामिल हुईं।

मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों (MP Tourism) का विकास करने की दृष्टि से वर्ष 1978 में म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम का गठन किया गया। निगम कार्य पर्यटन स्थलों पर आवासीय, गैर आवासीय इकाइयों का संचालन, पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की जानकारी सुलभ कराना, पर्यटन स्थलों पर साहित्य का प्रकाशन तथा पर्यटकों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना है। निगम के अन्य कार्यों में शामिल हैं- आवासीय इकाइयों में आरक्षण, राज्य के बारह निगम के सेटेलाइट कार्यालयों से पर्यटकों के लिए विभिन्न रूचि, अवधि एवं दरों के पैकेज टूरों का संचालन, पर्यटन स्थलों का अखिल भारतीय स्तर पर प्रचार-प्रसार, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े ट्रेवल एजेंट्स, लेखक, फोटोग्राफर्स, विशिष्ट व्यक्तियों के लिए टूर का आयोजन, प्रदेश के पर्यटन स्थलों की व्यापक मार्केटिंग तथा प्रचार-प्रसार की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलनों तथा ट्रेवल मार्ट आदि में भागीदारी, पर्यटन विभाग की परामर्शदात्री समिति, संभागीय समिति तथा शासन की पर्यटन संबंधी समितियों द्वारा लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई। निगम द्वारा प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आवास, खानपान, परिवहन सुविधा आदि उपलब्ध कराई जाती है।

बता दें, मध्यप्रदेश में निगम द्वारा वर्ष 1996 में पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएँ मुहैया कराने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नई पर्यटन नीति के तहत निजी निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से राजस्व विभाग द्वारा खजुराहो, ओरछा, बाँधवगढ़, जबलपुर तथा मंदसौर जिले में गाँधी सागर तथा बस्तर जिले में चित्रकूट में आवंटित शासकीय भूमि का आधित्य ग्रहण कर लिया गया है। पर्यटकों को पर्यटन स्थलों तक पहुँचाने के लिए भोपाल-इंदौर-भोपाल, भोपाल-पंचमढ़ी-भोपाल, सतना-खजुराहो-सतना, पिपरिया-पंचमढी-पिपरिया, जबलपुर-कान्हा-जबलपुर, जबलपुर-भेड़ाघाट-जबलपुर, भोपाल-साँची-उदयगिरी-भोपाल, इंदौर-महेश्वर-मंडलेश्वर-इंदौर, इंदौर-उज्जैन बस सेवा निगम द्वारा शुरू की गई है।

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