दो दशक बाद फिर विंध्य से होगा विधानसभा अध्यक्ष, जानिए कौन और क्यों?
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद इस बार विंध्य के खाते में जाता दिखाई दे रहे हैं। विंध्य के दो नाम इस रेस में सबसे आगे हैं।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद इस बार विंध्य के खाते में जाता दिखाई दे रहे हैं। विंध्य के दो नाम इस रेस में सबसे आगे हैं। अगर ऐसा होता है तो 20 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष विंध्य क्षेत्र से होगा। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए विंध्य के गिरीश गौतम और केदारनाथ शुक्ल का नाम चल रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष पद की रेस में देवतालाब के विधायक गिरीश गौतम सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा की प्रदेश इकाई के साथ ही आलाकमान ने भी गिरीश गौतम के नाम पर सहमति जता दी है।
विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष पद पर इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीनिवास तिवारी पहुंचे थे। यह संयोग ही है कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए जिन गिरीश गौतम की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है उन्होंने 2003 के चुनाव में दस साल तक विधानसभा अध्यक्ष रहे श्रीनिवास तिवारी को ही शिकस्त दी थी।
विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से होने जा रहा है। इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन होना है। संख्या बल के लिहाज से दोनों ही पद भाजपा के पक्ष में जाना तय माने जा रहे हैं। पूववर्ती कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने के बाद बनी शिवराज सरकार में कोरोना और उपचुनाव के चलते अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का निर्वाचन नहीं हो पाया है। भोपाल की हुजूर सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा फिलहाल प्रोटेम स्पीकर का दायित्व संभाले हैं।
भाजपा की राजनीतिक मजबूरी
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के लिए विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनाना राजनीतिक मजबूरी सा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विंध्य में बड़ी जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद बनी परिस्थितियों के चलते शिवराज सरकार में विंध्य का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। यहां तक की रीवा जैसा बड़ा जिला भी मंत्रिमंडल में उपेक्षित है। ऐसे में विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनाकर वह क्षेत्रीय समीकरणों को साधना चाह रही है।
उपाध्यक्ष पद के लिए नाम
दूसरी ओर विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा में मंदसौर विधायक यशपाल सिसौदिया, सागर के नरियावली से विधायक प्रदीप लारिया और इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला का नाम चर्चाओं में हैं। इनमें से रमेश मेंदोला का नाम इंदौर में महापौर पद की रेस में भी आगे हैं। अगर उन्हें महापौर पद का उम्मीदवार बनाया जाता है तो उपाध्यक्ष पद के लिए यशपाल सिसोदिया और प्रदीप लारिया में से एक पर फैसला हो सकता है।