स्पीकर रेस में पिछड़े MLA को याद आई कांग्रेस, बोले- भाजपा ने सीधी को कभी नहीं दिया मौका
विंध्य से ही अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे केदारनाथ शुक्ल को गिरीश गौतम का नाम तय होने के बाद कांग्रेस याद आ गई।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए विंध्य से गिरीश गौतम का नाम तय होते ही भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा। विंध्य से ही अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे केदारनाथ शुक्ल को गिरीश गौतम का नाम तय होने के बाद कांग्रेस याद आ गई। सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ल ने कांग्रेस को याद करते हुए अब मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी दावेदारी जता दी है।
विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर केदारनाथ शुक्ल ने एक इंटरव्यू में कहा कि दावेदार तो कई होते हैं लेकिन पद एक को ही मिलता है। यह पार्टी का निर्णय है। पार्टी नेतृत्व के सांचे में पर गिरीश गौतम सही बैठे होंगे। तभी उनके पक्ष में नेतृत्व ने निर्णय दिया है।
गौरतलब है कि रीवा जिले की देवतालाब सीट से विधायक गिरीश गौतम ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। वहीं कांग्रेस द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन के लिए सहयोग का ऐलान किये जाने के बाद गिरीश गौतम का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय हो गया है।
मंत्रिमंडल में मौके पर सवाल पर केदारनाथ शुक्ल ने कहा कि इसमें भी पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा। वैसे सीधी जिले को भारतीय जनता पार्टी में कभी मौका नहीं मिला। मुझे पार्टी से कोई आश्वासन नहीं मिला है। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी उसे मैं पूरा करूंगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व सीधी क्षेत्र की जनता की मांग है। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि सीधी जिले में कांग्रेस के कद्दावर नेता अर्जुन सिंह रहे हैं। उनके समय भी भी सीधी जिले में दो मंत्री रहे हैं। कांग्रेस में 1972 के बाद से सीधी जिले में दो-दो मंत्री रहे हैं। भाजपा के कार्यकाल में सीधी जिले को मौका नहीं मिला है। उम्मीद है कि इस बार सीधी जिले को भाजपा के समय में भी मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि सीधी के विधायक केदारनाथ शुक्ल भी विधानसभा अध्यक्ष पद की रेस में थे लेकिन गिरीश गौतम नाम तय हो जाने के बाद उनकी संभावनाएं समाप्त हो गईं। माना जा रहा है कि लगातार चार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके केदारनाथ शुक्ल अब शिवराज मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं।