भोपाल (जोशहोश डेस्क) पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने नशामुक्ति को लेकर यू टर्न लिया है। उमा भारती ने राजस्व पर पड़ने वाले असर को देखते हुए अब पूर्ण शराबबंदी के बजाय क्रमिक शराबबंदी की वकालत की है। उमा भारती ने पूर्ण नशाबंदी को लेकर अपने आठ मार्च से शुरू होने वाले प्रदेशव्यापी अभियान को लेकर तेवर नरम कर लिए हैं।
उमा भारती ने मीडिया से कहा कि अब आठ मार्च को कुछ महिलाओं की भोपाल में बैठक होगी। जो शराबबंदी को लेकर नीति तय करेंगी। मेरी सरकार से बात हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा भी शराब और नशा के उतने ही खिलाफ हैं जितना मैं। दोनों को राजस्व की भरपाई की दिक्कत है। इसके लिए यह तय हुआ कि पहले प्रदेश में उन स्थानों से शराब दुकानें हटना चाहिए। जहां ये दुकानें नहीं होना चाहिए। इसकी एक सूची बनेगी।
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इससे पहले उमा ने विश्व महिला दिवस यानी आठ मार्च से प्रदेश भर में पूर्ण शराबबंदी को लेकर अभियान छेड़ने की बात कही थी।
इसके लिए उमा भारती ने सहयोगी गंगा भारती को आगे लाया था। उमा का कहना था कि शराब बंदी से होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई अन्य विकल्पों से की जा सकती है।
अब शराबबंदी को लेकर दिए अपने नए बयान के बाद उमा भारती से सोशल मीडिया पर सवाल भी पूछे जा रहे हैं।
हाल ही में उज्जैन और मुरैना में हुई मौतों के बाद शिवराज सरकार की जहरीली शराब को लेकर किरकिरी भी हो चुकी है। उमा भारती के नशामुक्ति के लिए अभियान चलाए जाने को लेकर प्रदेश मे सियासी टकराव बढने की आशंका जताइ जा रही थी।