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जैन तीर्थ पुष्पगिरी में बनेगा देश का पहला गो स्तंभ, अशोक स्तंभ की तरह बनेंगे गो के चार मुखस्तंभ

सोनकच्छ के पास स्थित जैन तीर्थ पुष्पगिरी अब गो-सेवा का भी अनूठा तीर्थ बनेगा।

देवास (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में इंदौर-भोपाल मार्ग पर चार किलोमीटर दूर जैन धर्म का धार्मिक स्थल पुष्पगिरी स्थित है, जो कोलाहल और प्रदूषण की दुनिया से बहुत दूर है। सोनकच्छ के पास स्थित जैन तीर्थ पुष्पगिरी अब गो-सेवा का भी अनूठा तीर्थ बनेगा। पुष्पगिरी तीर्थ की स्थापना आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ने 1997 में की थी। यह तीर्थ कई अनूठी सेवाओं का केंद्र है।

सीएम शिवराज रखेगें आधारशिला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 मार्च को अहिंसा रैली में शामिल होकर गोशाला निर्माण की आधारशिला रखेंगे। यहां 500 गायों को रखने की व्यवस्था होगी।

देश-विदेश से लोग गो सेवा का देखेंगे आदर्श स्वरू
देश के इस अनूठे गो-प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए मुनि प्रतीक सागर ने उज्जैन से पुष्पगिरी के लिए विहार शुरू कर दिया है। आचार्यश्री के शिष्य मुनि प्रतीक सागर का कहना है कि कामधेनु सेवा धाम के नाम से प्रस्तावित इस गोशाला के निर्माण की योजना इस तरह बनाई गई है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गो-सेवा के साथ यहां स्वच्छ और रमणीक वातावरण और दर्शनीय स्थल मिल सके। देश-विदेश से लोग आकर यहां गो सेवा का आदर्श स्वरूप देख सकें। इस प्रोजेक्ट पर 5 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। करीब 5 एकड़ जमीन पर इसका विकास होगा।

मिलेगीं ये सुविधाएं

  • इस गोशाला के प्रवेश द्वार पर ही देश का पहला गो स्तंभ बनेगा। राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ की तरह गो-माता के चार मुख स्तंभ पर बनेंगे।
  • इसके आगे मार्ग के दोनों तरफ गो-मूर्तियां होंगी जिनके मुख से जलधारा प्रवाहित होगी।
  • गुरु मंदिर परिसर में श्रद्धालु तीर्थंकरों के दर्शन कर सकेंगे। पिकनिक प्लाजा भी बनेगा, जहां वे विश्राम, आमोद-प्रमोद कर सकेंगे।
  • परिसर को गो-प्रतिमाओं से सजाया जाएगा। गो-सेवा के साथ यहां पहला नवग्रह ध्यान केंद्र भी बनेगा।
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