दमोह: शिवराज-VD के खिलाफ भी उठी आवाज, BJP में दलबदल पीड़ित एकजुट
जयंत मलैया को भितरघात के आरोप में नोटिस दिए जाने के बाद भाजपा में दलबदलू नेताओं के खिलाफ पार्टी का एक धड़ा एकजुट हो रहा है।
दमोह (जोशहोश डेस्क) दमोह उपचुनाव में करारी हार के बाद भाजपा की अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है। दमोह के पूर्व विधायक जयंत मलैया को भितरघात के आरोप में नोटिस दिए जाने के बाद वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने चुनाव में हार पर टिकट वितरण करने वालों और प्रभारी मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया है।
इससे यह साफ हो गया है कि दलबदलू नेताओं के खिलाफ पार्टी का एक धड़ा एकजुट हो रहा है और पार्टी के लिए ताउम्र काम करने वालों पर दलबदलुओं को प्राथमिकता दिए जाने के खिलाफ आवाज उठाने को भीे तैयार है।
दमोह से लगे पाटन के विधायक अजय विश्नोई चुनाव में हार के बाद खुलकर जयंत मलैया का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट किया-
ट्वीट में हालांकि उन्होंने दमोह का जिक्र नहीं किया लेकिन यह साफ है कि वे जयंत मलैया को नोटिस दिए जाने से खुश नहीं है। वहीं उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार का निर्धारण करने वालों के साथ चुनाव प्रभारी को भी हार का जिम्मेदार बता यह साफ कर दिया है कि दमोह की हार पर पार्टी पूरी तरह दो फाड़ हो चुकी है।
दमोह में अगर टिकट वितरण की बात करें तो यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की जिम्मेदारी है। वहीं चुनाव प्रभारी की बात करें तो शिवराज ने भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव को दमोह का प्रभारी बनाया था। यानी अजय विश्नोई ने इस एक ट्वीट से इन चारों को एक साथ निशाने पर लिया है।
अजय विश्नोई को भी दलबदल पीड़ित माना जाता है। सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाए जाने के चलते उन्हें शिवराज कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई थी। जयंत मलैया के समर्थन में अजय विश्नोई के साथ वे नेता भी आ सकते हैं जो मंत्री पद के इंतजार में हैं या दलबदलुओं के कारण जिनका सियासी भविष्य दांव पर है। इससे पहले सांची से दलबदल कर आए प्रभुराम चौधरी के खिलाफ भितरघात के आरोप में गौरीशंकर शेजवार को भी पार्टी ने नोटिस थमाया था।
गौरतलब है कि दमोह उपचुनाव का नतीजा आने से पहले ही दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने ट्वीट कर कांग्रेस उम्मीदवार अजय टंडन को बधाई देते हुए कहा था कि हम जीते नहीं लेकिन सीखे बहुत। वहीं चुनाव परिणाम के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस हार के लिए अपने ही जयचंदों को जिम्मेदार बताया था।
वहीं चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा उम्मीदवार राहुल लोधी ने जयंत मलैया और उनके परिवार पर हार का ठीकरा फोड़ा था। हालांकि जयंत मलैया ने इस आरोप पर कहा था कि यह हार राहुल लोधी की है भाजपा की नहीं। जनता ने भाजपा को नहीं राहुल लोधी को हराया है।
खुद पर लगे आरोप पर मलैया ने कहा था कि 17 हजार के बड़े अंतर से कोई नेता नहीं बल्कि जनता ही हरा सकती है। राहुल लोधी को यह स्वीकार करना चाहिए। शहर को कोई वार्ड नहीं जहां से भाजपा को जीत मिली हो ऐसे में सिर्फ मेरे इलाके की चर्चा करना बेकार है।