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57 शिक्षकों की जान ले गया दमोह का उपचुनाव, 42 की मौत कोरोना से

चुनावी ड्यूटी में लगे 57 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इनमें से 42 की मौत का कारण सरकार ने कोरोना संक्रमण को माना है।

दमोह (जोशहोश डेस्क) दमोह में उपचुनाव 57 शिक्षकों की मौत का कारण बन गया। इनमें से 42 की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। यह सनसनीखेज खुलासा दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर को भेजे गए आधिकारिक पत्र से हुआ है।

दमोह में 17 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इस दौरान उपचुनाव के लिए ड्यूटी में लगे शिक्षक बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आये थे। अब यह सामने आया है कि चुनावी ड्यूटी में लगे 57 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। सरकार ने इनमें से 42 की मौत का कारण कोरोना संक्रमण को माना है। अन्य शिक्षकों की मौत हार्ट अटैक, बीमारी व अन्य कारणों से बताई गई हैं।

दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी ने यह पत्र दिवंगत लोक सेवकों की एक्स ग्रेशिया राशि के भुगतान के संबंध में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को लिखा है। इस पत्र ने फिर यह साबित कर दिया कि कोरोना के बीच दमोह उपचुनाव कितना घातक सिद्ध हुआ है।

इससेे पहले दमोह उपचुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए विधायक बृजेन्द्र सिंह राठौर और कांग्रेस की महिला मोर्चा की अध्यक्ष मांडवी चौहान का निधन भी कोरोना संक्रमण से हुआ था। वहीं भाजपा के पूर्व जिलाध्यख देव नारायण श्रीवास्तव भी उपचुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित होकर जान गंवा बैठे थे। इसके अलावा दोनों दलों के दस से ज्यादा जिला पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की भी कोरोना से मौत की बात कही जा रही है।

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