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नतीजा कुछ भी हो लेकिन कोशिश हमेशा श्रेष्ठ होना चाहिए

जीवन में कभी असफलता तो कभी अस्वीकार्यता से हम भागने लगते हैं, कभी अवसाद में आ जाते हैं तो कभी असफलता का कारण किसी अन्य व्यक्ति को बताने लगते हैं। ऐसा मत कीजिए।

परीक्षा हो, खेल हो या जीवन हर जगह हमारे किसी भी प्रयास का नतीजा जरूर आता है। हो सकता है कभी नतीजा हमारे पक्ष में हो और कभी हमारे खिलाफ लेकिन हमारा फोकस कभी नतीजों पर नहीं होना चाहिए, बल्कि हमारी कोशिशों पर होना चाहिए, क्योंकि जीवन में हमें आगे बढ़ने का हौसला हमारे प्रयासों से ही मिलता है। जीवन में कभी असफलता तो कभी अस्वीकार्यता से हम भागने लगते हैं, कभी अवसाद में आ जाते हैं तो कभी बहाने ढूंढने लगते हैं या हमारी असफलता का कारण किसी अन्य व्यक्ति को बताने लगते हैं। ऐसा मत कीजिए। खुद पर विश्वास कीजिए और प्रयास करना मत छोड़िये। हमेशा याद रखिये कि नतीजा कुछ हो लेकिन हमारी कोशिश हमेशा श्रेष्ठ होना चाहिए क्योंकि पूरी लगन से की गई कोशिश ही हमें आज नहीं तो कल कामयाब जरूर बनाएगी।

अगर किसी प्रयास में आपको असफलता भी मिली है तो याद रखिए कि आप अकेले नहीं हैं जिसने असफलता का सामना किया है। दुनिया के अधिकांश लोग सफलता से पहले असफल हुए लेकिन उन्होंने अपनी कोशिशें जारी रखीं। बल्ब का अविष्कार करने से पहले थॉमस अल्वा एडिशन करीब 9 हजार बार असफल हुए, अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम लिंकन स्टेट लेजिस्लेटर से लेकर सिनेट तक हर चुनाव हार गए थे, 28 साल तक जेल में रहने के बाद नेलसन मंडेला दक्षिण अफ्रिका के न केवल राष्ट्रपति बने बल्कि उन्हें नोबल पुरस्कार से भी नवाजा गया। 9 वर्ष तक बिना सहारे के चल भी न सकने वाली पोलियोग्रस्त विलमा रूडोल्फ एक दिन दुनिया की सबसे तेज धाविका बनीं।

अब यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लोग चुनाव में हारे, खेल में हारे, अविष्कार में हारे लेकिन हिम्मत नहीं हारे। हर 10 में से 7 प्रयास असफल ही होते हैं लेकिन अपनी हार का अध्ययन और जीतने वाले के संघर्षों से सीखना हमें गलतियां सुधारने का अवसर देता है और लगातार की गई कोशिशों से हमें सफलता जरूर मिलती है।

जीवन में किसी भी परिस्थिति में समस्या से भागे नहीं, क्योंकि जब तक जीवन चलेगा समस्याएं आती रहेंगी, जहां आप जाएंगे वहां संघर्ष आएगा, इसलिए बस सामना कीजिए और समस्या के लिए समाधान खोजिये।आप जीवन में, प्रोफेशन में या समाज में जो भी काम कर रहे हैं या करना चाहते हैं उसे समझिये, परिस्थितियों और संसाधनों की गणना कीजिए, फिर इसके लिए कार्ययोजना बनाइये।

हमेशा याद रखिए कि आपके किसी भी प्रयास से आपकी आर्थिक स्थिति, परिवार और आपसे जुड़े लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसे समझकर निर्णय लीजिए जब भी क्या करना है का निर्णय लें तब यह जरूर सोच लें कि क्या नहीं करना है। जिससे आप गलत ट्रैक पर न जाएं, इसके साथ ही यह भी तय कर लें कि आपको किन संसाधनों की जरूरत होगी और उनकी व्यवस्था कहां से होगी।

जीवन हो या प्रोफेशन अपनी इच्छाओं के छोटे-छोटे लक्ष्य बनाईये, हर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ प्रयास कीजिए और इसकी सफलता पर सुकून का अनुभव कीजिए। चाहें तो दोस्तों या परिवार के साथ इसे सेलिब्रेट भी करें। इससे आपको नई उर्जा मिलेगी।

कभी भी मदद मांगने में संकोच न करें, आपके जीवन में जो भी आपकी मदद करें उनके प्रति आभार व्यक्त कीजिए, हर छोटा सा सहयोग भी आपकी सफलता की इमारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अपने प्रयासों को श्रेष्ठ बनाईये, आखिरी सांस तक कोशिशें जारी रखिए या तो आपको सफलता मिलेगी या अनुभव और याद रखिए यह दोनों ही चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं।

(लेखक सुमित अवस्थी पत्रकार-सोशल वर्कर हैं। उनके ब्लॉग पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें )

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