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UGC का अहम फैसला, अब कॉलेजों में नए शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा प्रशिक्षण

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में नियुक्त होने वाले नए शिक्षकों के लिए अब प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। उच्च शिक्षण संस्थानों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने यह फैसला लिया है।

प्रशिक्षण में नए शिक्षकों को संस्थान परिचय के साथ विषय वस्तु, छात्रों के साथ व्यवहार, पढ़ाने का तरीका और शोध से जुड़ाव आदि से रूबरू कराया जाएगा। यूजीसी ने शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े इस प्रोग्राम को तैयार कर लिया है। इसका नाम इंडक्शन एंड मेंटरशिप फॉर टीचर्स ऑफ हायर एजुकेशन नाम दिया गया है। इसको लेकर विश्वविद्यालयों से इस छह फरवरी तक राय मांगी गई है। इसके बाद इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

देश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जाएगा

यूजीसी के अनुसार इस प्रोग्राम को इस साल देशभर के सभी विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए नए शिक्षकों के शुरुआती प्रशिक्षण की अवधि भी तय कर दी गई है। नियुक्ति के साल भर के अंदर ही नए शिक्षकों को इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। पूरा प्रोग्राम 160 से 175 घंटे की अवधि का होगा।

भाषा और बातचीत का भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

बताया जा रहा है कि फिलहाल इस प्रोग्राम में प्रशिक्षक के रूप में संस्थान के वरिष्ठ व दक्ष शिक्षकों के साथ सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही नए शिक्षकों को बातचीत और भाषा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कुलपति और डीन को भी दिया जाएगा प्रशिक्षण

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों की प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने के लिए भी प्रोग्राम चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्वविद्यालय में कुलपति और डीन जैसे प्रशासनिक पदों में नियुक्त होने वालों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।  

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