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प्रदेश में रोज़ाना हो रहे 26 हज़ार कोरोना टेस्ट, वसूल रहे टेस्ट की दोगुना राशि

कोरोना की जांच के लिए किए जाने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट के शुल्क की मनमानी वसूली की जा रही है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस की कड़ी टूटने का नाम नहीं ले रही है, जैसे-जैसे संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है, वैसे-वैसे प्रदेश में वायरस की कड़ी तोड़ने के लिए टीकाकरण से लेकर हर स्तर के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरोना की जांच के लिए किए जाने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट के शुल्क की मनमानी वसूली की जा रही है। सरकार ने इसका अधिकतम शुल्क 1100 रूपए तय किया गया है। लेकिंन निजी लैब में डेढ़ से दो हज़ार तक लग रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने राजधानी दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के शुल्क 2400 को घटाकर 800 रूपए कर दिए हैं। वहीं यूपी में भी जांच का अधिकतम शुल्क 700 रूपए तय किया गया है।

मध्यप्रदेश में दरसअल आरटी-पीसीआर जांच सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क है, वहीं निजी लैब और अस्पतालों में शुल्क अलग अलग है। निजी लैब के संचालक किट्स के दाम अलग अलग होने का दावा कर शुल्क वसूल रहे हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर साल भर से भी ज्यादा समय से है, प्रदेश में अब तक 64 लाख लोगों की कोरोना की जांच हो चुकी है, अभी भी रोज़ाना प्रदेश में 26 हज़ार जांचें हो रही हैं। जिसमें आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन दोनों टेस्ट है।

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