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BU Hostel : बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने खाली कराए हॉस्टल

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) के हॉस्टल में रहने वाले करीब एक दर्जन छात्रों को आवास खाली करने के लिए कहा गया है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) के हॉस्टल में रहने वाले करीब एक दर्जन छात्रों को आवास खाली करने के लिए कहा गया है। छात्र ठीक कर रहे हैं क्योंकि वे परिसर के बाहर हॉस्टल में कमरे नहीं पा रहे हैं क्योंकि वे बंद हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी आदेश के अनुसार, वे छात्रों को हॉस्टल (BU Hostel) में रहने की अनुमति नहीं दे सकते। महामारी के कारण लॉकडाउन लागू कई छात्र जो बीयू हॉस्टल में रह रहे थे।

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय अधिकारियों ने इन छात्रों को अस्थाई रूप से छात्रावास अनुमति दी थी। अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के बाद, ये छात्र वापस नहीं जा सकते थे क्योंकि वे छात्रावासों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे।

क्या कहना है छात्रों का
छात्रों ने कहा- हम 25 मार्च से हॉस्टल में रह रहे थे, जब लॉकडाउन हम कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे थे अब परीक्षा आयोजित की जानी है और BU ने हमे हॉस्टल खाली करने के लिए कहा है हमने अन्य छात्रावासों की तलाश की है लेकिन कोविड के कारण सभी हॉस्टल बंद हैं, ऐसी स्थिति में छात्र कहा जाए यह बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है।

वहीं एक और छात्र का कहना है, पिछले 10 महीने से किसी ने भी छात्रावास में कोई भी पॉजिटिव नहीं आया क्योंकि हम सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन का कर रहे थे।
स्थिति सामान्य होने पर हमे हॉस्टल से बाहर जाने के लिए कहा जा रहा है। परीक्षा की तारीख किसी भी दिन घोषित हो सकती हैं और यदि हम वापस जाते हैं तो यह एक अनावश्यक पैसे और समय की बर्बादी होगी।हमने विश्वविद्यालय से हमारी स्थिति पर विचार करने और हमे परीक्षा समाप्त होने तक हॉस्टल जारी रखने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का मानना है
बीयू के रजिस्टार अजीत श्रीवास्तव का कहना है कि वे केवल सरकारी आदेशों का पालन कर रहे हैं। जैसा कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय को छत्रावास बंद करने के लिए कहा हम छात्रों को हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। बीयू सरकारी आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य है। श्रीवास्तव ने चेतवानी देते हुए कहा छात्रों के पास छात्रावास छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं हैं। हमे मजबूरन उनके खिलाफ कार्यवाई करनी होगी।

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