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धार के कारम डैम के बाद अब विदिशा के दानमणि डैम में लीकेज से हड़कंप

जल संसाधन विभाग सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर, पानी की निकासी के तलाशे जा रहे विकल्प

विदिशा (जोशहोश डेस्क) धार के कारम डैम के लीकेज के बाद अब विदिशा जिले में एक और बांध से हुए रिसाव की खबर आ रही है। विदिशा के त्योंदा स्थित बागरौद चौराहे के पास बने दानमणि डेम में एका एक रिसाव की खबर से ग्रामीणों समेत समूचे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। यहाँ भी कारम डैम की तरह ही पानी की निकासी के विकल्प तलाशे जा रहे हैं जिससे डैम पर पानी के दबाव को काम किया जा सके।

दैनिक मध्य स्वदेश की रिपोर्ट के मुताबिक जल संसाधन विभाग सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और डेम में हो रहे रिसाव का जायजा लेकर पानी को खाली करने की कवायद शुरू की गई है। जिससे डेम का पानी कम हो और हो रहे रिसाव की मरम्मत की जा सके।

बताया जा रहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से व डैम को बचाने के लिए तत्काल नहर खोलकर पानी को निकालने के निर्देश दिए गए लेकिन जैसे ही लहरों से पानी छोड़ा गया वैसे ही पानी कृषकों के खेतों में घुस गया जिससे कि कृषकों की फसल नष्ट होती नजर आ रही है।

दानमणि डेम में हो रहे रिसाव की जानकारी जलसंसाधन विभाग की ई ई प्रतिभा सिंह व सब इंजीनियर सुनील कुमार सीर बंसल ने सीनियर इंजीनियर विनोद टेकाम को दी थी। जानकारी लगते ही सीनियर इंजीनियर ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद तत्काल बांध के गेट खोल कर खाली करने के निर्देश दिए थे लेकिन जब सीनियर इंजीनियर मौके पर पहुंचे तब स्थानीय अधिकारियों ने 2 घंटे बीतने के बाद भी ना तो नहरों के गेट खोले ना ही आवश्यक सामग्री का इंतजाम किया।

त्योंदा क्षेत्र में दो डैम बने हुए हैं एक भवरू डैम परियोजना दूस दान मणि परियोजना जोकि सैकड़ों बीघा जमीन में फैले हुए हैं इनसे हजारों हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है दान मणि डैम में विगत 2 वर्षों से रिसाव हो रहा है विगत वर्ष भी जब रिसाव हुआ था तब स्थानीय निवासियों ने प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी शिकायत की थी लेकिन शिकायत के उपरांत भी मरम्मत का कार्य नहीं किया गया जिसके कारण आज खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई और डैम को खाली करने तक की नौबत आ गई जब मध्य स्वदेश के संवाददाता द्वारा इस विषय में सीनियर इंजीनियर से चर्चा की गई तब सीनियर इंजीनियर विनोद टेकाम ने कहा कि मैं अभी दो माह भी पूरे नहीं हुए चार्ज लिए और मैंने करीब 22 लाख रुपए मरम्मत के कार्य के लिए भी स्वीकृत कर दिए हैं।

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