अभ्यर्थियों का सवाल, क्या लोक सेवा आयोग में अयोग्य बैठे हैं?
लोक सेवा आयोग के रवैये से आक्रोशित अभ्यर्थियों ने शुक्रवार सोशल मीडिया पर #mppsc2019लापता के साथ बड़ा अभियान छेड़ दिया।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा-2019 को लेकर अभ्यर्थियों का इंतज़ार अंतहीन होता जा रहा है। 330 प्रशासनिक पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक से लेकर मुख्य परीक्षा तक हो चुकी है लेकिन इंटरव्यू पर लगी रोक ने अभ्यर्थियों के सपनों को तोड़ दिया। अब अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के संबंध कोई जानकारी नहीं दी जा रही। लोक सेवा आयोग के रवैये से आक्रोशित अभ्यर्थियों ने शुक्रवार सोशल मीडिया पर #mppsc2019लापता के साथ बड़ा अभियान छेड़ दिया।
अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर पर नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूरी किये जाने की मांग की। साथ ही क्या लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली [पर सवाल उठाये। अभ्यर्थियों ने लिखा-क्या आयोग में अयोग्य बैठे है जो जल्द निर्णय नही ले सकते है? आयोग का मौन बता रहा है कि वह भर्ती कराने में अक्षम साबित हो रहा है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य सेवा परीक्षा-2019 के लिए 12 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा हुई थी। इसके परिणाम 21 दिसंबर 2020 को जारी किए थे। इसके बाद मुख्य परीक्षा 21 से 26 मार्च 2021 में हुई। प्रारंभिक परीक्षा के बाद चुने गए 10 हजार 767 अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा दी थी। इसमें से 1918 इंटरव्यू के लिए चयनित हुए। अभ्यर्थियों से 31 जनवरी 2022 तक इंटरव्यू संबंधी दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा था। बाद में इंटरव्यू ही रोक दिए गए । दरअसल, मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं पहले परीक्षा नियम-2015 के अनुसार होती थीं। इसमें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के परिणाम में सभी वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने का नियम था। मेरिट में आने वाले परीक्षार्थियों का चयन सामान्य सीट के लिए किया जाता था। वर्ष 2020 में कमलनाथ सरकार ने इस नियम में संशोधन कर आरक्षण का लाभ प्रारंभिक के बजाय मुख्य परीक्षा में देने का फैसला किया था। यह भी निर्णय लिया कि एससी-एसटी वर्ग के परीक्षार्थी मेरिट में आएं तो उन्हें उनके वर्ग के अनुसार ही चयनित किया जाए। इसके बाद 2019 की परीक्षा वर्ष 2020 में हुई थी। लोक सेवा आयोग ने नए नियम से यह परीक्षा ली और परिणाम घोषित किए। कुछ लोग नए नियम के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे। हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्य बैंच ने नए नियम को अमान्य बताकर पुराने नियम से ही परिणाम घोषित करने के आदेश दिए थे। रिपोर्ट के मुताबिक एमपी पीएससी के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. रविंद्र पंचभाई का कहना है कि इंटरव्यू पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद हमारे सलाहकारों की टीम इस पर निर्णय लेने के लिए चर्चा कर रही है।