अब नहीं खोदा जाएगा सिद्धा पहाड़, कांग्रेस के विरोध का असर?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए सिद्धा पहाड़ उत्खनन पर रोक के निर्देश. कांग्रेस ने दी थी बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी
भोपाल/सतना (जोशहोश डेस्क) प्रदेश सरकार ने सतना में राम वन गमन पथ पर स्थित स्थित सिद्धा पहाड़ को खोदने की प्रक्रिया प्रारंभ किये जाने का फैसला वापस ले लिया है। कांग्रेस ने पहाड़ खोदे जाने के फैसले का व्यापक विरोध किया था और बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिद्धा पहाड़ उत्खनन पर रोक के निर्देश दे दिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा। यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं।
इससे पहले पहाड़ खोदे जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस ने मोर्चा संभाल लिया था। कांग्रेस के वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ ने गुरुवार को सिद्ध पहाड़ पहुंचकर धरना दिया था। वहीं पहाड़ के खनन के विरोध में बड़े आंदोलन के लिए रणनीति तैयार करने शनिवार को कांग्रेस महत्वपूर्ण बैठक करने वाली थी।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी प्रदेश सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस इस मामले पर चुप नहीं बैठेगी और भगवान श्रीराम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व खत्म नहीं होने देंगे। कमलनाथ ने लिखा था कि खुद को धर्मप्रेमी बताने वाली शिवराज सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिये लगातार धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ वाले निर्णय लेती आयी है।अब मध्यप्रदेश के सतना में स्थित सिद्धा पहाड़ जो कि राम वन गमन पथ पर स्थित है, जहाँ पर प्रभु श्री राम ने इस भूमि को निशाचरो से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी, उस पहाड़ को खनन हेतु खोदने की शिवराज सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। भगवान राम के नाम का राजनीति के लिये उपयोग करने वाली भाजपा सरकार अब उनके अवशेषों को सुनियोजित तरीक़े से नष्ट करने का काम कर रही है। कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी , जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में हम सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्री राम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट व ख़त्म नहीं होने देंगे।
गौरतलब है कि रामचरित मानस में अरण्य कांड में उल्लेख है कि भगवान राम जब चित्रकूट से आगे की ओर बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला। यह पहाड़ अस्थियों का था। तब राम को मुनियों ने बताया कि राक्षस कई मुनियों को खा गए हैं और यह अस्थियां उन्हीं मुनियों की हैं। भगवान राम ने यहीं पर राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी।