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पटवारी परीक्षा: कांग्रेस के प्रदर्शन पर बल प्रयोग, भोपाल ज़िला अध्यक्ष घायल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बल प्रयोग को बताया सरकार की बर्बरता

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर राजधानी भोपाल में शनिवार को कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किये गए बल प्रयोग से भोपाल शहर जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं एक महिला कार्यकर्ता का सिर फूट गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदर्शन पर बल प्रयोग को बर्बरता बता कड़ी निंदा की है।

पटवारी परीक्षा के परिणाम पर उठ रहे सवालों को लेकर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता CM हाउस का घेराव करने निकले थे। सरकार और कर्मचारी चयन मंडल के खिलाफ नारेबाजी करते कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बाणगंगा चौराहा पर बैरिकेड्स लगाकर रोक लिया। जब कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो बल प्रयोग किया गया।

बल प्रयोग में भोपाल शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोनू सक्सेना ने घायल हो गए। उनकी आंख के नीचे चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की बर्बरता के विरोध में विधायक पीसी शर्मा और कांग्रेस कार्यकर्ता बाणगंगा चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि पुलिस ने बल प्रयोग से इनकार किया है।

इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग को लेकर शिवराज सरकार की निंदा की है। उन्होंने लिखा कि मैं शिवराज सिंह चौहान सरकार से बहुत साफ शब्दों में कहना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकार उखाड़ने का मन बना लिया है। आपके इस अत्याचार से ना तो कांग्रेस के कार्यकर्ता डरने वाले हैं और ना मध्य प्रदेश की जनता। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से कुशासन को उखाड़ फेंकने की लड़ाई लड़ता रहेगा।

कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने आरोप लगाया है कि पुलिस के लाठीचार्ज में मोनू सक्सेना समेत 50 कार्यकर्ता घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम पटवारी परीक्षा को लेकर CBI जांच की मांग का शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन यह बल प्रयोग अत्याचार है। लोकतंत्र की हत्या है और कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं है। हम लगातार अभ्यर्थियों के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा के टॉप 10 में से 7 अभ्यर्थियों का सेंटर एक ही है। ये सेंटर ग्वालियर का NRI कॉलेज है जो भाजपा विधायक संजीव कुशवाह का है। अब मुरैना जिले की जौरा तहसील के 15 छात्रों के दिव्यांग कोटे से चुने जाने को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। ग्वलियर के सेंटर पर विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था।

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