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MP में होकर रहेगी शराबबंदी, उमा भारती की ताल से फिर सुलगे सियासी सवाल

नई आबकारी नीति को मंजूरी के बाद सामने आई उमा भारती की पहली प्रतिक्रिया, दोहराया शराबबंदी का संकल्प।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) शिवराज सरकार द्वारा नई आबकारी नीति को मंजूरी के बाद मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड लीडर उमा भारती की पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है। उमा भारती ने शराबबंदी के अपने संकल्प को दोहराते हुए फिर कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी नशाबंदी होकर रहेगी और इसके लिए वे पूरी सजगता से तैयार हैं।

उमा भारती ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि जब तक मैं गंगा अभियान में संलग्न थी, मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी, नशाबंदी अभियान प्रारंभ करने में कठिनाई थी। उन कठिनाई के कुछ हिस्से अभी भी मौजूद हैं। मेरी प्रथम चरण की बातचीत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवकों, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से हो चुकी हैं।अगला चरण 14 फ़रवरी के बाद प्रारंभ करूँगी। शराबबंदी, नशाबंदी मध्यप्रदेश में होकर रहेगी।

उमा भारती ने यह भी कहा कि हमारा शराबबंदी, नशाबंदी का अभियान सरकार के ख़िलाफ़ नही हैं, शराब और नशे के ख़िलाफ़ है। भाजपा कांग्रेस एवं सरकार में बैठे हुए लोगों को समझा पाना भी एक कठिन काम हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में रोजाना संवाद करने की बात कही व अपनी गंगा सागर यात्रा के बारे में भी बताया।

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उमा भारती की यह प्रतिक्रिया इसलिए अहम मानी जा रही है कि क्योंकि उनके द्वारा शराबबंदी की मांग के बाद भी प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है जिसके बाद एक अप्रैल से प्रदेश में शराब करीब 20 प्रतिशत तक सस्ती हो जाएगी। सरकार के इस निर्णय के बाद विपक्षी दल कांग्रेस भी उमा भारती को उनका संकल्प याद दिला रही थी।

उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर जिस तरह फिर ताल ठोकी है उससे भाजपा के खेमे में खलबली जरूर मचेगी। वैसे भी उमा भारती अब न सिर्फ राष्टीय बल्कि प्रदेश स्तर पर भी भाजपा की सियासत में उपेक्षित मानी जाती हैं। ऐसे में प्रदेश में मजबूत जनाधार रखने वाली उमा भारती महिलाओं के मुद्दे से राजनीति की नई पारी में बड़ा खेल करने की क्षमता तो जरूर रखती हैं लेकिन जिस तरह शराबबंदी को लेकर उनके अभियान की तारीखें आगे बढ़ती जा रही हैं उससे खुद उमा भारती सवालों के घेरे में आती जा रही हैं।

सवाल यह भी है कि क्या उमा भारती शराबबंदी के लिए प्रदेश में अपनी ही सरकार और पार्टी लाइन के खिलाफ जाने का साहस जुटा पाएंगी? बड़ा सवाल यह भी है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस शराबबंदी को लेकर आंदोलन करती है तो क्या उमा भारती इस आंदोलन का समर्थन करेंगी? दूसरी ओर उमा भारती की शराबबंदी की मांग को उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा भी माना जाता है। अगर ऐसा है तो यह भी देखने लायक होगा कि बदलाव के दौर से गुजर रही भाजपा उमा भारती को लेकर क्या रुख अपनाती है।

गौरतलब है कि नई आबकारी नीति में प्रावधान के मुताबिक अब से देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री एक ही दुकान से होगी। साथ ही सरकार ने होम बार लाइसेंस देने का निर्णय भी लिया है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय एक करोड़ रुपए है, तो वह व्यक्ति घर पर बार खोल सकता है। इसके अलावा, घर पर शराब रखने की लिमिट भी सरकार ने बढ़ा दी है। जिसके बाद वर्तमान लिमिट की 4 गुना शराब घर पर रखी जा सकेगी। फिलहाल घर में एक पेटी बीयर व 6 बॉटल शराब रखने की अनुमति है।

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