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जीतू पटवारी के साथ एकजुट पार्टी, सजा को अपर कोर्ट में चुनौती देगी कांग्रेस

कमलनाथ बोले अदालत के फैसले का सम्मान लेकिन हम इससे असहमत

भोपाल (जोशहोश डेस्क) भोपाल की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को किसान और बिजली बिल के मुद्दे पर आंदोलन के 14 साल पुराने केस में एक साल की सजा सुनाई है। कांग्रेस ने इस मामले में जीतू पटवारी के साथ एकजुटता दिखाई है और अब इस फैसले को अपर कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे असहमत हैं। हम ऊंची अदालत में इस फैसले को चुनौती देंगे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता जनता की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही की जाए।

कमलनाथ ने आगे लिखा कि समाज को हक दिलाने के लिए आंदोलन करना नेता का पहला कर्तव्य है, यह संविधान की मूल भावना के अनुरूप है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कांग्रेस के हर कार्यकर्ताओं ने यही सीखा है। पूरी कांग्रेस पार्टी जीतू पटवारी के साथ है। हम सब मिलकर लोकतांत्रिक संवैधानिक और अदालती तरीके से अन्यायी सरकार का मुकाबला करेंगे।

एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री पटवारी को 2009 में राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने के मामले में ये सजा सुनाई है। पटवारी और उनके साथियों को सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। जीतू पटवारी को जब इस मामले में सजा सुनाई गई तब उनके साथ कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी, समर्थक और प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष अजय गुप्ता भी कोर्ट में मौजूद थे।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने राजगढ़ में 2009 में किसानों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे थे। आंदोलन के तहत कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान पत्थरबाजी हो गई और घटना बलवा में बदल गई थी। इस दौरान दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी।

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