भिंड: बोर्ड परीक्षा के दौरान 50 सरकारी शिक्षक थाने में रहेंगे ‘नजरबंद’
माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं गुरुवार से, भिंड में DEO के आदेश का विरोध।
भिंड (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं गुरुवार से प्रारंभ हो गईं। दसवी और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के दिन भिंड में ट्यूशन पढ़ाने वाले अथवा कोचिंग संस्थानों से जुड़े करीब 50 सरकारी शिक्षकों को थाने में नजरबंद रखा जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी का ये आदेश नकल रोकने की कवायद का हिस्सा बताया जा रहा है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक डीईओ हरभवन सिंह तोमर के इस आदेश का सरकारी शिक्षकों द्वारा विरोध किया जा रहा है। प्रशासन ने भिंड में ऐसे 50 शिक्षकों को चिन्हित किया है जो ट्यूशन पढ़ाते हैं अथवा अथवा कोचिंग संस्थानों से जुड़े हैं। इन सभी सरकारी शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा के दिन थाने में बैठना होगा।
दूसरी ओर सरकारी शिक्षकों ने डीईओ के आदेश को उनके सम्मान से खिलवाड़ बताया है। शिक्षकों का कहना है कि नकल रोकने को लेकर सख्ती का वे स्वागत करते हैं लेकिन इसके लिए शिक्षकों को थाने में बिठाया जाना न्यायसंगत नहीं है। बिना अपराध किए घंटों थाने में बिठाए रखना शिक्षकों का अपमान है।
शिक्षकों के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन भी अब थाने के बजाय अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। जिले में नकल को रोकने के लिए इससे पहले भी अथवा कोचिंग संस्थानों से जुड़े शिक्षकों को निगरानी में रखा जा चुका है। कलेक्टर डॉ इलैया राजा के कार्यकाल में कुछ इसी तरह के प्रयोग के तहत शिक्षकों को जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में बिठाया गया था।
नजरबंदी का कारण
इस बार परीक्षा में करीब 40 प्रतिशत प्रश्न बहु विकल्पीय होंगे। परीक्षा में प्रतिशत अंक लाने पर विद्यार्थी पास हो जाता है। ऐसे यह माना जा रहा है कि ट्यूशन पढ़ाने वाले अथवा कोचिंग संस्थानों से जुड़े सरकारी शिक्षकों ने अगर मदद की तो विद्यार्थियों का परिणाम प्रभावित हो सकता है।