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जेपी अस्पताल में लापरवाही : ऑक्सीजन की कमी से दो मरीजों की मौत

भोपाल (जोशहोश डेस्क) बुधवार-गुरूवार की रात को डेढ़ घंटे के अंदर ही दो कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया। जेपी हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों के परिजनों के अनुसार दम तोड़ने वाले दोनों मरीज रात को जमकर कराहते रहे लेकिन उस वक्त मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों में एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनकी मां कोविड वार्ड में भर्ती हैं। रात करीब दो बजे वार्ड में भर्ती एक मरीज अजीबोगरीब आवाजें निकाल रहा था। मेरी मां कोविड वार्ड से घबराकर बाहर आ गईं। मैंने जब कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन कम आने से घबराहट हो रही है। उस वक्त कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। जो कर्मचारी वहां थे जब उनसे ऑक्सीजन चेक करने को कहा गया तब उन्होंने ऑक्सीजन में पानी डाला तब फ्लो ठीक हुआ। लेकिन कुछ देर बाद उस मरीज की मौत हो गई। इसके लगभग डेढ़ घंटे बाद एक और मरीज की मौत हो गई।

जेपी हॉस्पिटल की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। सूत्रों के अनुसार हॉस्पिटल स्टॉफ ने कोविड संक्रमित मरीज की डेड बॉडी परिजन को सौंप दी थी। पुलिस के हस्ताक्षेप के बाद हॉस्पिटल स्टॉफ ने कोविड पेसेंट की डेड बॉडी निजी वाहन से वापस उतारी।  

कुछ दिनों पहले होमगार्ड जवान पुष्पराज सिंह गौतम की बॉडी टॉयलेट में मिलने के बाद भी जेपी अस्पताल विवादों में आया था। पुष्पराज सिंह जेपी अस्पताल के कोविड आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा था कि पुष्पराज सिंह लापता हैं। इसके बाद उनका शव वॉर्ड से 10 फीट दूर टॉयलेट में मिला था। 

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