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दमोह ने खुद ही लगा लिया लॉकडाउन, चुनाव आयोग और सरकार ने नहीं की थी सख्ती

दमोह (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए ज्यादातर शहरों में वीकेंड लॉकडाउन और कुछ शहरों में 10 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। लेकिन उपचुनाव की वजह से दमोह जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद भी लॉकडाउन नहीं लगाया है। स्थिति गंभीर होते देख दमोह के लोगों ने मिशाल पेश करते हुए सरकारी आदेश के बिना ही दो दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब लॉकडाउन के संबंध में पूछा गया था कि पूरे प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन दमोह जिले में नहीं। तो उन्होंने कहा था कि यह यह क्षेत्र उपचुनाव के चलते निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में है, ऐसे में सरकार ने वहां लॉकडाउन नहीं लगाया है।

ऐसे में दमोह के लोगों को भी चुनाव आयोग से शिकायत है। उनका कहना है कि इस विपरीत परिस्थिति में भी चुनाव आयोग जनता के बारे में नहींं सोच रहा है। बता दें कि जब पूरे प्रदेश के लिए वीकेंड लॉकडाउन के संबंध में आदेश जारी किया गया था, तब उसमें दमोह जिले को छोड़ दिया गया था।

चुनाव में नहीं है कोरोना, शादी विवाह में है रोना

सोमवार को दमोह उपचुनाव में में प्रचार करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी विरोध का सामना करना पड़ा। यहां टेंट कारोबारियों व उससे जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को स्लोगन लिखी तख्तियां दिखाकर पूछा कि क्या चुनावी भीड़ पर कोरोना के नियम लागू नहीं होते हैं।

विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि कोरोना के कारण सरकार ने शादी-विवाह और अन्य समारोहों में अतिथियों की संख्या सीमित कर दी गई है। जिसकी वजह से लोग टेंट के ऑर्र कैंसिल कर रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है। वहीं जिले में चुनाव के लिये नेता सभा-रैली कर रहे हैं।

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