शिवराज के लिए धर्मसंकट से कम नहीं ये प्रस्ताव
आबकारी विभाग ने शराब को ऑनलाइन बेचे जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिस पर अंतिम निर्णय शिवराज को ही लेना है।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) आबकारी विभाग ने शराब को ऑनलाइन बेचे जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जिस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को ही लेना है। अगर निर्णय प्रस्ताव के पक्ष में होता है तो प्रदेश में ऑनलाइन शराब उपलब्ध होने लगेगी। मजे की बात यह है कि एक साल पहले भाजपा प्रदेश में ऑनलाइन शराब की बिक्री का जबर्दस्त विरोध कर चुकी है। ऐसे में आबकारी विभाग के प्रस्ताव शिवराज सिंह चौहान के लिए धर्मसंकट से कम नहीं होगा।
साल भर पहले ऑनलाइन शराब बिक्री का प्रस्ताव कमलनाथ सरकार भी लेकर आई थी। तब भाजपा ने इस कदम का व्यापक विरोध किया था। भाजपा का कहना था कि शराब की ऑनलाइन बिक्री युवा पीढ़ी को नशे के गर्त में ले जाएगी।
कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव पर भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा था कि कमलनाथ जी, मध्य प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने की दिशा में आपकी सरकार का यह कदम प्रदेश के आने वाले भविष्य को नशे की तरफ धकेल देगा। चिकित्सा-शिक्षा-योजना घर घर पहुंचाने की जगह शराब पहुंचाने के निर्णय से आपकी सरकार की नीयत साफ हो गई है।
अब अगर शिवराज सरकार आबकारी विभाग के प्रस्ताव पर सहमत हो जाती है तो यह फैसला प्रदेश में एक नया सियासी तूफान भी खड़ा करेगा और भाजपा को साल भर पहले विरोध पर भी जवाब देना मुश्किल होगा।
मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में शराब काफी मंहगी है। इसके कारण सीमावर्ती राज्यों से जिलों से शराब की अवैध तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसमें पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है।
प्रदेश के आबकारी विभाग की मानें तो शराब की ऑनलाइन बिक्री से खरीदने और बेचने वाले दोनों को फायदा होगा। एक ओर जहां शराब की अवैध तस्करी पर लगाम लगेगी वहीं उपभोक्ताओं को आबकारी विभाग द्वारा संचालित दुकानों से असली शराब ही मिलेगी। विभाग की मानें तो शराब की ऑनलाइन ब्रिकी निर्णायक साबित हो सकती है लेकिन शिवराज के लिए प्रस्ताव के पक्ष सहमत होना आसान नहीं होगा।