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अशोकनगर: खाद न मिल पाने से त्रस्त किसान ने खाया जहर, सरकारी हत्या का कौन जिम्मेदार?

सरकार के दावों पर सवाल, खाद नहीं मिलने से किसान ने की खुदकुशी।

अशोकनगर (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में खाद का संकट अब जानलेवा होता जा रहा है। अशोकनगर जिले में खाद नहीं मिलने से एक किसान ने खुदकुशी कर ली है। खाद न मिल पाने के कारण किसान काफी दिनों से परेशान था। बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ही प्रदेश में खाद की उपलब्धता की विस्तृत समीक्षा की थी और आवश्यकता के मुताबिक डीएपी, यूरिया, एनपीके की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बात कही थी।

खाद संकट के कारण ख़ुदकुशी करने का मामला ईसागढ़ थाना क्षेत्र के पिपरोल गांव में सामने आया। यहां 44 साल के किसान धनपाल यादव ने जहर खाकर जान दे दी। परिजनों के मुताबिक धनपाल यादव ने खाद नहीं मिलने से परेशान होकर सल्फास की गोली खा ली। गंभीर हालत में किसान को लेकर परिजन ईसागढ़ अस्पताल पहुंचे। जहां से किसान को डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचने पर किसान को डॉक्टरों मृत घोषित कर दिया।

किसान की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर सवाल उठाये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज ने पूरी खाद उपचुनाव वाले क्षेतों में पहुंचा दी-

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इसे सरकारी हत्या करार दिया है-

अशोकनगर में बीते दो सप्ताह से खाद की जबर्दस्त किल्लत देखी जा रही है। यहां रोजाना ही किसान खाद के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार किसानों से सड़क जाम तक की है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा भी खाद आपूर्ति के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं।

अशोकनगर के साथ ही पूरे ग्वालियर चंबल इलाके में कमोबेश खाद संकट की यही स्थिति है। किसानों को एक एक बोरी खाद के लिए पूरे पूरे दिन लाइनों में लगना पड़ रहा है। यहां तक कि पुलिस थानों से खाद के लिए टोकन बांटे जा रहे हैं। मुरैना में कुछ दिन पहले परेशान किसानों द्वारा खाद के ट्रक को लूटे जाने की वीडियो भी वायरल हुआ था।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को विस्तत समीक्षा के बाद कहा था कि गत वर्ष अक्टूबर के अंत तक 2 लाख 78 हजार मीट्रिक टन यूरिया किसान भाइयों-बहनों द्वारा खरीदा गया था। इस साल 2 लाख 31 हजार मीट्रिक टन यूरिया खरीदा जा चुका है और शेष मात्रा भी उपलब्ध कराई जा रही है। 32 अतिरिक्त रैक 30 अक्टूबर तक प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचेंगे।

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