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क्या स्मार्ट सिटी के नाम पर ठगा गया भोपाल? वोटिंग से पहले खुली कलई

बीते आठ सालों में है स्मार्ट सिटी के नाम पर जितने बड़े बड़े दावे किए गए थे वो साल की पहली दो बारिश में ही ध्वस्त हो गए।

भोपाल (जोश-होश डेस्क) राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 11 नगर निगमों में मतदान बुधवार को होना है। मतदान से ठीक पहले हुई बारिश ने निकायों मैं हुए विकास कार्यों के साथ सरकार के दावों की भी पोल खोल दी है। राजधानी भोपाल में वो 200 से ज़्यादा कॉलोनियों में पानी भर गया और कई सड़कें तालाबों में तब्दील हो गईं।

इसके साथ ही राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी के नाम पर 2014 से किये जा रहे दावों की भी कलई खुल गई। बीते आठ सालों में स्मार्ट सिटी के नाम पर जितने बड़े बड़े दावे किए गए थे वो साल की पहली दो बारिश में ही ध्वस्त हो गए।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते पाँच सालों में भोपाल में सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम पर ही 420 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च हो चुके हैं लेकिन दो बारिश में है तो ये राशि पानी में जाती ही नज़र आई। जल निकासी की व्यवस्था न होने से निचले इलाक़े ही नहीं बल्कि पॉश कॉलोनियों तक में पानी भर गया।

अब निकाय चुनाव के लिए मतदान होना है। बीते दो टर्म्स से नगर सरकार भी भाजपा की है और प्रदेश में तो भाजपा सरकार को अब 17 साल हो चुके हैं। अब देखना यह है कि बारिश में भोपाल में विकास के दावों की खुली क़लई क्या निकाय चुनाव में वोटों की नाराज़गी के रूप में भी नज़र आएगी?

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