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कौन हैं संदीप माकिन जिनके कारण कोप भवन में गए मंत्री, सिंधिया भी नाराज़

ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को एक झटके में हटाया जाना सुर्खियों में हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश की राजनीति में शिवराज-महाराज की जुगलबंदी के बीच ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को एक झटके में हटाया जाना सुर्खियों में हैं। संदीप माकिन को हटाए जाने के बाद अचानक ही मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के अवकाश पर चले जाने से ग्वालियर के साथ प्रदेश की सियासत में भी खलबली है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी संदीप माकिन के हटाए जाने से नाराज हैं।

इस नाराजगी का कारण भी एकदम साफ है क्योंकि संदीप माकिन की ज्योतिरादित्य सिंधिया से नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। संदीप माकिन वह अधिकारी हैं जिन्हें सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद कमलनाथ सरकार ने तत्काल हटा दिया था और कमलनाथ सरकार गिर के बाद शिवराज ने शपथ लेने के तीन दिन बाद ही माकिन को दोबारा ग्वालियर पदस्थ कर दिया था।

राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस बने संदीप माकिन अपने कार्यकाल में अधिकतकर ग्वालियर इलाके में ही पदस्थ रहे हैं। वे भिंड और ग्वालियर में एसडीएम रहे। इसके अलावा दतिया और शिवपुरी में भी जिला पंचायत सीईओ के पद पर रहे। वे ट्रांसपोर्ट विभाग में एडिशनल कमिश्नर के पद पर भी रहे हैं ग्वालियर नगर निगम में दो बार उनकी पदस्थापना रही है।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर की एक प्रेस वार्ता में जब पत्रकारों ने सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा की गिरफ्तारी और उनके यहां लोकायुक्त द्वारा बरामद भ्रष्टाचार के कागज तथा किस किस के पास कितना पैसा पहुंचा है इस बात को लेकर सवाल किया तो सिंधिया ने संदीप माकिन को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है और वे साफ-सुथरे हैं।

माना जाता है कि संदीप माकिन को सिंधिया से मिलवाने वाले मंत्री प्रद्युम्न सिंह ही थे। प्रद्युम्न सिंह का हाल ही में जिस तरह से कोप भवन मैं जाना हुआ है और उन्होंने बाकायदा सोशल मीडिया में इस बात की घोषणा की है कि वह आगामी चार-पांच दिनों तक जनता के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे वह अज्ञातवास में जा रहे हैं वह अपने आप में इस बात का संकेत है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

कहा जा रहा है जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय जनता पार्टी के हाई कमान से दबाव डलवा कर अपने समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत को शिवराज सिंह की इच्छा के विपरीत मंत्री बनवाया और उन्हें ट्रांसपोर्ट तथा जल संसाधन विभाग दिलवाए उससे माना जा रहा है कि शिवराज ने संदीप माकिन को हटाकर यह संदेश दिया है कि वह सिंधिया की हर बात नहीं मानेंगे।

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