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राहुल गांधी की सजा पर रोक, SC ने पूछा- क्यों दी गई अधिकतम सजा?

कांग्रेस ने फैसले के बाद लिखा- यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर न सिर्फ रोक लगाई है बल्कि यह सवाल भी किया कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों दी गई? कांग्रेस ने इस फैसले के बाद लिखा- यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है।

सुप्रीम कोर्ट में करीब 3 घंटे बहस चली। इसके बाद केस की सुनवाई कर रही जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की बेंच ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? कहा- उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। वे डिसक्वालिफाई नहीं होते। सजा 1 साल 11 महीने हो सकती थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल जज ने मामले में अधिकतम सजा सुनाई है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी का बयान आपत्तिजनक है, लेकिन निचली अदालत ने कारण नहीं बताया और न ही गुजरात हाई कोर्ट ने इस पर विचार किया।

फैसले के बाद कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से लिखा- यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है।

इससे पहले राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने ये सरनेम बाद में अपनाया है। उन्होंने कहा कि मानहानि केस के चलते राहुल गांधी को 8 साल के लिए चुप करा दिया गया? लोकतंत्र में मतभेद होते हैं। मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी की नीयत किसी को मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को नीचा दिखाने की थी। यह गंभीर अपराध नहीं है, जमानत दिए जाने वाला केस है। ये ऐसा मामला कैसे बन गया, जिसमें नैतिक पतन शामिल हो?

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था , ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। 23 मार्च को निचली अदालत ने राहुल को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता चली गई थी। राहुल की अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।

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