स्तनपाल पर अपमान, क्या अपने ही विभाग के ACS पर एक्शन लेंगे शिवराज?
एसीएस अशोक शाह के बयान का विपक्ष के साथ भाजपा में भी तीखा विरोध
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने ही ही स्तनपान को लेकर एसीएस अशोक शाह के दिए बयान का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। विपक्ष के साथ भाजपा में भी इस बयान का तीखा विरोध हो रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज अपने ही अधीनस्थ महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव पर कोई एक्शन लेंगे?
महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह के दिए बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सबसे पहले आपत्ति जताई थी। अब उमा भारती के अलावा पूर्व मंत्री कुसुम महदले और रंजना बघेल ने भी अशोक शाह के बयान पर आपत्ति जताई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तो अशोक शाह के बयान को बेहद असंगत, हास्यास्पद और मातृशक्ति की छवि खराब करने वाला बताया है। साथ ही उन्होंने इस बयान को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में भी लाया है। हालंकि यह बात भी है कि जिस मंच से अशोक साथ यह बयान दे रहे रहे थे वहां मुख्यमंत्री शिवराज खुद भी मौजूद थे।
उमाभारती की मानें तो जब उन्होंने फोन पर यह बात मुख्यमंत्री शिवराज को बताई तो वह इस कथन से असहमत एवं आश्चर्यचकित थे। उमा ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की बात से लगा कि समारोह में बहुत शोर के कारण वह इस बात को सुन नहीं पाए। उमा भारती ने उम्मीद जताई है कि इस कथन को ठीक करने का रास्ता मुख्यमंत्री शिवराज स्वयं निकाल लेंगे।
कांग्रेस ने भी बयान के सामने आने के तत्काल बाद ही इस पर सवाल उठाया था। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लिखा था कि मुख्यमंत्री जी आपकी मौजूदगी में आपके विभाग के यह प्रमुख अधिकारी महिलाओ के लिये इतना लज्जा जनक और अपमानजनक बयान कैसे दे रहे है…जरा इनसे पूछिए कि यह जानने का विभाग के पास कौन सा पैमाना है कि कौन सी मां बच्ची को स्तनपान कराती है और कौन सी नहीं…? आँकड़ा ये कहाँ से लाये..?
गौरतलब है कि रवींद्र भवन में बुधवार को लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह ने कहा था कि 2005 में 15% माताएं बेटियों को दूध पिलाती थी, अब 42% माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती है। उन्होंने कहा था कि हमारी बालिकाएं पीछे क्यों रह जाती है? इसका कारण बालिकाओं को मां का दूध नहीं पिलाया जाना है।