MP

निवाड़ी में जामताड़ा मॉडल : मोबाइल से 80 लाख की ठगी

भोपाल (जोशहोश डेस्क) देशभर में सायबर फ्रॉड की हर दिन हजारों शिकायतें दर्ज होती हैं लेकिन उनके आरोपी पकड़े नहीं जाते। लेकिन भोपाल पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा पर बसे निवाड़ी जिले के अस्तारी गांव में जामताड़ा की तर्ज पर ठगी का सेंटर चलाने वाले चार युवकों को सायबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

ठगी करने वाले लोगों में से कोई बीए की पढ़ाई कर रहा है तो कोई आठवीं पास है। ये लोग कभी मोबाइल नंबर का लकी ड्रॉ निकलने के नाम पर तो कभी टॉवर लगवाने के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस क मुताबिक इस गांव के ज्यादातर युवा पिछले सात साल से यही काम कर रहे हैं। लेकिन वह कभी पुलिस के पकड़ में नहीं आ पाए। पकड़े गए जालसाजों ने अब तक 800 लोगों को ठगा है और ठगी से 80 लाख से ज्यादा कमाए हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें गांव वालों का संरक्षण भी प्राप्त है।

एएसपी साइबर क्राइम अंकित जायसवाल के अनुसार पिछले दिनों सूखी सेवनिया में रहने वाले परवेज खान को एक मोबाइल फोन आया था। जिसमें उसे बताया गया कि उसका 3.90 लाख का लकी ड्रा लगा है। इसका झांसा देकर उससे ठगों ने करीब 38 हजार रुपए ठग लिए थे। इस मामले में सूखी सेवनिया पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की थी। बाद में इस जांच में साइबर क्राइम भी जांच में जुट गई थी।

पुलिस के अनुसार ठगी में यह पूरा गिरोह और गांव के बाकी सदस्य भी शामिल हैं। इन आरोपियों को गांव के लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है। इसलिए पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में पहली बार में कामयाब नहीं हो पाई थी। गांव वालों ने पुलिस के पहुंचने पर आरोपियों को भगा भी दिया था।

डीएसपी साइबर क्राइम नीतू ठाकुर ने बताया कि जांच के दौरान एक मोबाइल नंबर मिला था, उसकी कॉल डिटेल से पुलिस आरोपियों के गांव पहुंच गई थी। इस जांच में चार आरोपियों के नाम सामने आए थे जो लगातार गांव में सक्रिय थे। इस मामले में अस्तारी गांव निवाड़ी राघवेंद्र यादव, अरविंद प्रजापति निवासी गोराखास, अंकित अहरिवार निवासी गोराखास और विनोद अहिरवार निवासी गोराखास को गिरफ्तार किया गया है।

जालसाजों को पकड़ने के लिए पुलिस को करीब 72 घंटे लगे। आरोपियों के पास से पुलिस ने 4 मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड, एक माइक्रो एटीएम और एक थंब इंप्रेशन मशीन जब्त की है।

Back to top button