दिग्विजय सिंह ने पकड़ी पुलिसकर्मी की कॉलर, BJP का झूठ एक्सपोज़
भाजपा नेताओं और मीडिया के एक वर्ग द्वारा वायरल की जा रही दिग्विजय सिंह की तस्वीर, सामने आया घटना का सच
भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा पर प्रशासन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। अब भाजपा नेताओं और मीडिया के एक वर्ग द्वारा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की एक तस्वीर वायरल की जा रही है। तस्वीर को यह कर प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने एक पुलिसकर्मी की कॉलर पकड़ अभद्रता की है। इस दावे की कलई मौके पर मौजूद एक चश्मदीद पत्रकार ने ही खोल दी है।
मौके पर मौजूद एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार जितेंद्र शर्मा ने उस घटना के लाइव कवरेज के दौरान ही यह साफ़ कर दिया था कि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने किसी भी पुलिसकर्मी की कॉलर नहीं पकड़ी है। उन्होंने पूरी घटना की आँखों देखी बताते हुए दो टूक कहा कि पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद की स्थिति जरूर बनी थी लेकिन कॉलर पकड़ने जैसी कोई घटना नहीं हुई।
हालाँकि दुष्प्रचार के बाद भी दिग्विजय सिंह ने बड़ा दिल दिखाते हुए यहाँ तक कहा है कि यदि किसी भी पुलिस कर्मी को ऐसा महसूस हुआ है कि उसके साथ बदसलूकी हुई है तो मुझे खेद है-
पूरा वाक्या भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ा है। चुनाव में बीजेपी द्वारा क्रॉस वोटिंग कीआशंका शुरू से ही जताई जा रही थी और हुआ भी यही। मंत्री भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री अपनी गाड़ी में सदस्यों को लेकर जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस नेता नवरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर, बिजिया राजौरिया और चंद्रेश राजपूत भी थे।
मंत्री भूपेंद्र सिंह जब कुछ सदस्यों को अपनी गाड़ी में साथ लेकर पहुंचे तो राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी और अन्य नेता उनकी गाड़ी के सामने आकर विरोध करने लगे। इस दौरान पुलिस ने जब कांग्रेस नेताओं को रोकने की कोशिश की तो धक्का मुक्की जैसी स्थिति बन गई।
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इस दौरान ही जो वीडियो फुटेज आमने आये उसमें से एक तस्वीर को भाजपा नेताओं ने भ्रामक दावे के साथ शेयर किया। तस्वीर को शेयर करने वालों में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा और मंत्री विश्वास सारंग समेत कई अन्य नेता भी शामिल थे।
यहाँ तक की सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस तस्वीर पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसा अशोभनीय व्यवहार किसी पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। पुलिस अफसर का कॉलर पकड़ रहे हैं, कलेक्ट्रेट के गेट को धक्का देकर तोड़ने की कोशिश कर रहे है। लोकतंत्र में जय और पराजय चलती रहती है, लेकिन ऐसी बौखलाहट कि आप पुलिस अफसर का कॉलर पकड़ें, यह अधिकार आपको किसने दिया? मुझे आश्चर्य है कि कोई व्यक्ति दस साल तक मुख्यमंत्री रहकर ऐसी प्रतिक्रिया दे! यह तो कांग्रेस की बौखलाहट का प्रतीक है।
बड़ी बात यह है कि इस मामले में किसी पुलिसकर्मी ने भी दिग्विजय सिंह पर अभद्रता का आरोप नहीं लगाया है। इसके बाद भी सत्ताधारी दल जो भी दावा करे लेकिन सियासी गलियारों में इस उम्र में भी दिग्विजय सिंह की जीवटता और पार्टी के लिए सड़क पर संघर्ष करने के जज्बे की जमकर तारीफ़ हो रही है।