दावे-घोषणाएं झूठी, 17 वर्ष के स्वर्णिम मध्यप्रदेश की खुल गई पोल: कमलनाथ
मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे गरीब राज्य, नीति आयोग की रिपोर्ट पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का शिवराज सरकार पर तीखा हमला।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मध्यप्रदेश की मौजूदा स्थिति को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है। कमलनाथ ने कहा है कि इस रिपोर्ट ने 17 साल के स्वर्णिम मध्यप्रदेश समेत तमाम झूठे दावों और घोषणाओं की पोल खोल कर रख दी है।
कमलनाथ ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि मैं तो हमेशा ही कहता आया हूं कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है। उन्होंने लिखा कि नीति आयोग द्वारा जारी किये गए पहले राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक-एमपीआई में मध्यप्रदेश का नाम देश में चौथे सबसे गरीब राज्य के रूप में सामने आया है।मध्यप्रदेश में 36.65 फ़ीसदी आबादी आज भी गरीब है।
नीति आयोग के इस सूचकांक ने भाजपा सरकार के 17 वर्ष के स्वर्णिम मध्यप्रदेश सहित तमाम झूठे दावों और घोषणाओं की पोल खोल कर रख दी है। प्रदेश का नाम कई सूचकों में देश के शीर्ष 5 ग़रीब राज्यों में शामिल है।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि वैसे भी मध्यप्रदेश का नाम शिवराज सरकार में कई वर्षों से कुपोषण, महिलाओं पर अत्याचार, अपराध, किसानो की आत्महत्या, बेरोज़गारी, आत्महत्याओं, भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और अब ग़रीबी में भी हम देश के शीर्ष राज्यों में हैं।
गौरतलब है कि नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे गरीब आबादी वाला राज्य है। मध्यप्रदेश की 36.65 फीसदी आबादी गरीब है। बाल एवं किशोर मृत्यु दर में तो मध्यप्रदेश देश भर में तीसरे स्थान पर है।
गरीब राज्यों की लिस्ट में नंबर एक पर बिहार है। यहां आधी से ज्यादा यानी करीब 52 प्रतिशत आबादी गरीब है। दक्षिणी राज्य केरल इस लिस्ट में सबसे अंतिम स्थान पर है यानी केरल में गरीबों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम (0.7प्रतिशत) है।