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सीडी सार्वजनिक करता तो प्रदेश बदनाम होता, मैं ऐसी राजनीति नहीं करता

चर्चित सीडी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सतना में दिया बड़ा बयान

सतना (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश की सियासत में चर्चित सीडी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। कमलनाथ ने कहा कि मेरे पास भी सीडी थी लेकिन उसे सार्वजनिक करता तो प्रदेश बदनाम होता, जो मैं नहीं चाहता क्योंकि मैं ऐसी ओछी राजनीति का पक्षधर नहीं हूँ।

कमलनाथ ने यह बात सतना में मीडिया से चर्चा के दौरान कही। कमलनाथ गुरुवार को पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में सीडी से जुड़े सवाल को लेकर अपनी बेबाक राय पेश की।

कमलनाथ ने कहा कि मेरे पास भी सीडी थी मैं चाहता था उसकी विस्तृत जांच हो और उसे सार्वजनिक किया जाता तो प्रदेश बदनाम होता जो मैं नहीं चाहता था। कमलनाथ ने इस बात को दोहराया कि सीडी में ज्यादातर भाजपा के लोग थे।

कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत अन्य नेताओं के पार्टी को छोड़ने को लेकर कहा कि पार्टी में किसी की उपेक्षा नहीं हुई। कमलनाथ ने कहा कि मेरी सरकार सौदेबाजी के कारण गिरी थी। विधायकों ने मुझे खुद बताया था कि उन्हें पैसे दिए जा रहे हैं लेकिन मैं सौदेबाजी को प्रदेश की पहचान नहीं बनाना चाहता था।

इंदौर में शिवराज सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) को लेकर कमलनाथ ने कहा कि ऐसा कोई भी आयोजन जिससे प्रदेश का हित जुड़ा हो उसका समर्थन किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने अब तक हुई समिट से प्रदेश में निवेश का आंकड़ा देकर शिवराज सरकार पर सवाल भी उठाए।

वहीं पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव बाद कांग्रेस की फिर से सरकार बनने का दावा किया। कमलनाथ ने पूर्व बसपा सांसद सुखलाल कुशवाहा की जयंती पर आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में कहा कि प्रदेश का युवा बेरोजगार है और किसान खाद के लिये परेशान है, शिवराज सरकार इन्वेस्टर समिट में जुटी है जबकि मध्यप्रदेश में निवेश आ ही नहीं रहा है।

गौरतलब है कि साल 2023 के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। बीजेपी जहाँ सत्ता वापसी के लिए प्रयासरत है वहीं कांग्रेस इस बार सत्ता हासिल करने के लिए जी जान लगा रही है। बीजेपी से शिवराज सिंह चौहान तो कांग्रेस की ओर से कमलनाथ ने मोर्चा संभाले हुए हैं। कमलनाथ को कांग्रेस आलाकमान का फ्री हैंड भी मिला हुआ है और वे साढ़े क़दमों से कांग्रेस संगठन को मजबूत कर मैदानी लड़ाई की तैयारी में जुटे दिखाई दे रहे हैं।

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