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मुझे नहीं चाहिए BJP का सर्टिफिकेट, क्यों नहीं की तीन साल में कार्रवाई?

विवादित पोस्टर्स पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दी तीखी प्रतिक्रिया

भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी के कुछ इलाकों में लगे विवादित पोस्टर्स पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो टूक कहा है कि 47 साल के राजनैतिक जीवन में मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। आज ये पोस्टर्स लगा रहे हैं। मुझे भाजपा से कोई सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। अगर भ्रष्टाचार था तो तीन साल से कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की?

कमलनाथ ने कहा कि भाजपा का एक-एक नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है। कोई भ्रष्टाचार तब तक नहीं हो सकता, जब तक मुख्यमंत्री खुद उसमें भागीदार न हो। इन्होंने पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार का सिस्टम बनाया हुआ है। आज इनके पास मेरे लिए कुछ कहने को बचा नहीं। मुझे भारतीय जनता पार्टी से कोई सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। जनता मेरी गवाह है। जनता ही इसका फैसला करेगी।

भोपाल में पोस्टर सामने आने के बाद कांग्रेस ने कहा था कि कि चुनाव नजदीक आते ही भाजपा अपना वास्तविक चरित्र दिखाने लगी है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पियूष बबेले ने कहा कि आपत्तिजनक पोस्टर लगवाकर भाजपा ने दिखा दिया है कि वह राजनीति के कितने भी निचले स्तर पर जा सकती है। जिस व्यक्ति ने पिछले 44 साल से अपने खून पसीने से मध्यप्रदेश की माटी की सेवा की है और रात दिन प्रदेश के नव निर्माण के लिए तपस्या की है, उसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश मध्य प्रदेश की अस्मिता पर हमला है।

पियूष बबेले ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह मध्यप्रदेश का अपमान है। यह प्रदेश की सेवा का अपमान है। यह स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने के लक्ष्य का अपमान है। यह उन करोड़ों लोगों का अपमान है जिनके हृदय में कमलनाथ जी बसते हैं। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि अपनी ओर से कार्यवाही करते हुए ऐसे पोस्टर लगाने वालों को गिरफ्तार करें और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दें। अगर वे ऐसा करने में विफल होते हैं तो मध्य प्रदेश की जनता के सामने स्पष्ट हो जाएगा यह सब काम उनके इशारे पर हो रहा है।

कांग्रेस नेता इस मामले में शिकायत दर्ज़ करने चूना भट्‌टी थाने भी पहुंचे। यहां भोपाल दक्षिण-पश्चिम से कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आवेदन सौंपा। FIR नहीं होने पर कांग्रेस नेताओं ने थाने में हंगामा कर दिया और थाने में ही धरने पर बैठ गए।

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