एक ही जिले में 3.5 लाख फर्जी वोटर, खतरे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता?
इंदौर मतदाता सूची के मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद कमलनाथ का बड़ा सवाल
भोपाल (जोशहोश डेस्क) एक ही जिले में साढे तीन लाख फर्जी मतदाताओं का प्राप्त होना एक अत्यंत गंभीर समस्या है। मतदाता सूची से फर्जी नामों को हटाया जाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इस बात की जांच होना भी जरूरी है कि आखिर किस तरह से इतनी बड़ी संख्या में फर्जी नाम मतदाता सूची में शामिल कर दिए गए? यह सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ को लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए खतरा बताया है।
कमलनाथ ने यह बात शुक्रवार को उच्च न्यायालय द्वारा इंदौर जिले में मतदाता सूची के संबंध में लोक सूचना आयुक्त द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार मतदाता सूचियों से जुड़े दस्तावेज याचिकाकर्ता को दिए जाने के निर्देश के सम्बन्ध में कही।
कमलनाथ ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को अपने-अपने जिले में मतदाता सूचियों की शुचिता सुनिश्चित करनी चाहिए। मतदाता सूची में किसी भी फर्जी नाम का जोड़ना या किसी भी वैध मतदाता का नाम गलत तरीके से हटाया जाना, चुनाव प्रक्रिया के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कहीं कोई बड़ा सिंडीकेट तो मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के पीछे नहीं है? कमलनाथ ने कहा कि उनके पास प्रदेश के सभी जिलों से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम जानबूझकर या तो मतदाता सूची से विलोपित किए जा रहे हैं या फिर उनका बूथ उनके आवास से कहीं दूर बनाया जा रहा है। इस तरह सत्ताधारी दल के इशारे पर फर्जी मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया जा रहा है।
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों से आग्रह करते हुए कमलनाथ ने कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वाह करें और किसी भी रूप में फर्जी मतदाता सूचियां को ना बनने दें। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी इस तरह के गैर कानूनी कार्यों में शामिल होंगे समय आने पर उन्हें विधि सम्मत कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।