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जासूसी सॉफ़्टवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़रीदा गया या PM मोदी की सुरक्षा के लिए- कमलनाथ

कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा में केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर प्रहार किया।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पेगासस जासूसी को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि जासूसी का सॉफ्टवेयर राष्टीय सुरक्षा के लिए ख़रीदा गया था या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए? कमलनाथ ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ विधायकों की खरीदी, ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर भी केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर प्रहार किया।

कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा में पेगासस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जासूसी सॉफ्टवेयर क्यों खरीदा गया था? इस पर गोल मोल जवाब नहीं चलेगा।

भारत ने केवल सॉफ्टवेयर ही नहीं खरीदा बल्कि इसके साथ सर्विलांस के लिए लाइसेंस भी खरीदे गए, सरकार को बताना चाहिए कि कितने लाइसेंस खरीदे गए? इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या मोदी जी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया? क्या राष्ट्रीय सुरक्षा का मतलब मोदी सुरक्षा है? कमलनाथ ने कहा कि अगर सरकार के हाथ साफ़ हैं तो कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहें कि हमने इसे नहीं खरीदा।

पूरे मामले की जांच कराए जाने को लेकर कमलनाथ ने कहा कि जासूसी का खुलासा इंटरनेशनल मीडिया ने किया है। फ्रांस में इसकी जांच शुरू हो चुकी है तो भारत में सरकार को जांच से क्या डर है? उन्होंने निष्पक्ष जांच कराते हुए पूरे मामले की हकीकत को सामने लाने की मांग की।

कमलनाथ ने कहा कि क्या कभी पहले किसी देश में ऐसा हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जासूसी कराई गई हो और फिर उन्हें राज्यसभा की सदस्यता दी गई हो? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आशंका जताई कि जासूसी का इस्तेमाल प्रदेश में सरकार गिराने में भी हो सकता है। उन्होंने भाजपा पर झारखंड में विधायकों को खरीदने का आरोप भी लगाया।

पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर भी कमलनाथ ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब पेट्रोल 50 रुपए लीटर था तब शिवराज साइकिल से घूमा करते थे। अब पेट्रोल 100 रुपए से ज्यादा हो चुका है और शिवराज चुप हैं। दाल-तेल, दूध की कीमतों की UPA सरकार के समय से तुलना करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मंहगाई आम आदमी की कमर तोड़ रही हैं और सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

ऑक्सीजन से मौतों को लेकर भी कमलनाथ ने सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुई हैं उसके बाद भी ये राज्यसभा में कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। विश्राम घाटों-कब्रिस्तान पर जितने लोगों के शव पहुंचे हैं उनमें से 80 प्रतिशत मौतें कोविड से हुई हैं। ये लोग झूठे हैं। मैं शिवराज नहीं जो झूठ बोलूं। सरकार केवल आंकड़े दबाने छिपाने और विधायक खरीदने का काम कर रही है।

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