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विरासत की सियासत का शॉर्टकट, GDCA में महाआर्यमन का डेब्यू

जीडीसीए के संरक्षक ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा घोषित कार्यकारिणी में महाआर्यमन उपाध्यक्ष नियुक्त, नियुक्ति के निकाले जा रहे कई मायने।

ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ग्वालियर डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। जीडीसीए के संरक्षक स्वयं ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को घोषित नई कार्यकारिणी में अपने बेटे महाआर्यमन को डीजीसीए का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

सियासी जानकारों के मुताबिक जीडीसीए में महाआर्यमन की एंट्री एक तरह से उनका पॉलिटिकल डेब्यू है और इसके पीछे सिंधिया परिवार की आर्थिक और राजनीतिक विरासत है। जिसे सहेजने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब अपने बेटे महाआर्यमन को भी आगे कर दिया है। कहा यह भी जाता है कि अपनी इस विरासत पर छाए संकट के बादलों को देखते हुए ही साल 2018 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदल भाजपा का हाथ थाम लिया था।

राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भाजपा में अब कद और पद के लिहाज से ज्योतिरादित्य सिंधिया सुरक्षित स्थिति में आ चुके हैं। ऐसे में अब वे महाआर्यमन का भविष्य भी भाजपा में ही देख रहे हैं। सिंधिया चाहते हैं कि हिन्दीभाषी राज्यों में चल रही भाजपा की लहर में महाआर्यमन भी विपरीत बहने के बजाए धारा के साथ ही बहें। यही कारण है सिंधिया ने जीडीसीए के शॉर्टकट से महाआर्यमन की पॉलिटिकल एंट्री करा दी है।

सिंधिया परिवार की सियासत का प्रदेश की क्रिकेट एसोसिएशन से गहरा नाता रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया भी मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के माध्यम से राजनीति करते थे फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) का अध्यक्ष बनकर इस परंपरा को जारी रखा। एक समय जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने MPCA के अध्यक्ष पद के चुनाव में कैलाश विजयवर्गीय को हराया था तक कांग्रेस ने सिंधिया की पूरी मदद की थी। सिंधिया ने MPCA के दूसरे कार्यकाल में यह पद अपने विश्वस्त पत्रकार अभिलाष खांडेकर को दे दिया था।

सिंधिया की राजनीतिक शैली हमेशा ही राजे रजवाड़ों वाली रही है जिसमें वह अपने सिपहसलारों को तैयार करते हैं और उन्हें महत्वपूर्ण पदों से नवाजते हैं। भाजपा में आने के बाद सिंधिया खुद को महाराज की छवि से बाहर निकालते दिखाई दे रहे हैं। साथ ही अब ग्वालियर के गलियारों में जिस तरह महाआर्यमन और उनके पोस्टर नज़र आने लगे है वह यह बता रहे हैं कि सिंधिया परिवार की नज़र जीडीसीए से कहीं आगे तक की है।

ग्वालियर चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय योजनाओं को जिस तरह क्रियान्वित करा रहे हैं उससे भी इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि ज्योतिरादित्य अपने परिवार के लिए एक लोकसभा सीट पर दावा पक्का करना चाहते हैं। चर्चाएं महाआर्यमन सिंधिया के 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने की भी हैं। ऐसे में कहा यह भी जा रहा है कि जीडीसीए में एंट्री के माध्यम से महाआर्यमन सिंधिया अपने परिवार के क्रिकेट प्रेम के नक़्शेकदम हो सियासी पारी का आगाज भी कर सकते हैं।

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