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MP के गौरव से अचानक प्रदेशद्रोही कैसे हो गई? CM से पर्वतारोही मेघा का सवाल

मेघा परमार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर उठाये तीखे सवाल

भोपाल (जोशहोश डेस्क) एवरेस्ट फ़तह करने वाली मध्यप्रदेश की इकलौती बेटी मेघा परमार को कांग्रेस में शामिल होने के दूसरे दिन ही ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटाये जाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। मेघा परमार ने गुरुवार को पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा के साथ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखे सवाल उठाये।

पत्रकार वार्ता के दौरान मेघा परमार ने कहा कि मैं किसान की बेटी हूं, मप्र की बेटी हूं। मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि कभी संसार की सबसे ऊंची एवरेस्ट की चोटी को फतह कर पाऊंगी लेकिन माननीय कमलनाथ महोदय ने मेरी बहुत मदद की, मुझे आर्थिक सहायता भी दी और परिणाम आपके सामने हैं कि मैं विश्व की सबसे ऊंची चोटी फतह कर पाई।

कमलनाथ जी ने फिल्मी अभिनेत्रियों की जगह मुझ जैसी एक किसान की बेटी को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनाया। लेकिन नारी सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली भाजपा सरकार ने उसी किसान की बेटी को ब्रांड एंबेसडर से हटा दिया।

मेघा परमार ने आगे कहा कि मेरे कुछ वाजिब सवाल हैं जो मैं मप्र की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी से मीडिया के माध्यम से पूछना चाहती हूं:-

  1. क्या देश के लिये पर्वतारोही होना अपराध है? पर्वतारोही होने के नाते दो दिन पहले तक मैं राष्ट्रभक्त व प्रदेश का गौरव थी। कल अचानक प्रदेशद्रोही कैसे हो गई? क्यों बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ भाजपा की निगाह में अब बेटी हटाओ नारा बन गया?
  2. क्या एक पर्वतारोही के रूप में देश का सम्मान बढ़ाकर गुनाह किया या फिर देश को आजादी दिलाने वाली पार्टी में प्रवेश करने के बाद क्या, मैं राष्ट्रद्रोही हो गई हूं?
  3. शिवराज सरकार ने इस कृत्य से मेरा ही नहीं, समूची नारी शक्ति का अपमान किया है, बल्कि प्रदेश में राजनैतिक फसल काटने के लिये जो लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्यादान योजना व महिला सशक्तिकरण को लेकर जो सियासी दावे किये जा रहे हैं, उसकी पोल स्वतः ही खुल गई है। भाजपा के महिला सशक्तिकरण का सियासी नारा इस घटना के बाद स्वतः जमीदोज हो गया है।
  4. मुझे यदि यह पहले मालूम होता कि 27000 फीट ऊंची विशालकाय पर्वत की चोटी को छूना मेरे लिये राष्ट्र का गौरव नहीं, बल्कि भाजपा की निगाह में अपमान साबित होगा, तो मेरा यह साहस उन भविष्य के पर्वतारोहियों के समक्ष एक चुनौती होगा, जो राष्ट्र के प्रति अपना साहसिक समर्पण समय-समय पर प्रदर्शित करते आये हैं।
  5. मैं गौरवान्वित हूं कि मैंने 27000 फीट की ऊंचाई को एक पर्वतारोही के रूप में छूने के बाद वैश्विक नेता के रूप में प्रसिद्ध माननीय कमलनाथ महोदय जी के समक्ष विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस में शामिल होकर एक सच्चे, साहसिक, राष्ट्रभक्त होने का सम्मान प्राप्त किया है। मैं इस पार्टी में रहकर महिला विरोधी उन सियासी चेहरों को बेनकाव करूंगी, जो देश और प्रदेश को झूठे राजनैतिक प्रलोभनों से भ्रमित कर महज राजनैतिक सत्ता प्राप्त करने के लिए उन्हें इस्तेमाल करते हैं।
  6. मैं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से प्रति प्रश्न करना चाहती हूं कि सतना के श्री रत्नेश पांडे जिन्हें शिवराज सरकार ने सतना स्मार्ट सिटी का ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किया है, वे भाजपा से संबद्ध है, उन्हें कब हटाया जायेगा?
  7. क्या राजनैतिक आधार पर महात्मा गांधी का राष्ट्रपिता, रामधारी सिंह दिनकर, मैथलीशरण गुप्त और पंडित माखनलाल चतुर्वेदी के राष्ट्रकवि होने का दर्जा भी इसलिये समाप्त होगा कि वे कांग्रेस विचारधारा के थे और ये कविगण कांग्रेस की ओर से संसद सदस्य भी थे?

गौरतलब है कि मेघा परमार को शिवराज सरकार ने ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ के ब्रांड एंबेसडर पद से हटा दिया है। मेघा परमार के कांग्रेस में शामिल होने के दूसरे दिन ही महिला बाल विकास विभाग ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया। मेघा परमार 9 मई को छिंदवाड़ा में ‘नारी सम्मान योजना’ की लॉन्चिंग के मौके पर कांग्रेस में शामिल हो गईं थी। इसके ठीक दूसरे दिन यानी 10 मई को उन्हें ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ के ब्रांड एंबेसडर पद से विमुक्त किये जाने का आदेश जारी कर दिया।

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