प्रदेश की बसों के पहिए थम जाएंगे कल, हड़ताल की पूरी जानकारी पाएं यहां !
बढ़ती महंगाई को देखते हुए बस संचालक भी अब सरकार से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए हड़ताल पर उतर आए हैं।
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भोपाल (जोशहोश डेस्क) बढ़ती महंगाई को देखते हुए बस संचालक भी अब सरकार से अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए हड़ताल पर उतर आए हैं। प्रदेश में होने वाली इस हड़ताल में 13 हज़ार संचालकों ने हड़ताल का ऐलान किया है। बस ऑपरेटरों ने किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी और पेट्रोल-डीजल को GST के अंदर लाने की मांग रखी है।
किराया 58 रुपए लीटर डीज़ल पर तय किया गया था
भोपाल और जबलपुर में बस ऑपरेटर एसोसिएशन की बैठक में तय किया गया था कि लगातार पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के चलते बस का खर्च निकालना काफी मुसीबत खड़ी कर रहा है। बसों का किराया उस वक़्त तय किया गया था, जब डीज़ल की कीमत 58 रुपए हुआ करती थी, लेकिन अब डीजल की कीमत 90 रुपए लीटर पहुंच चुका है, अब बस का किराया बढ़ाना चाहिए।
शिवराज ने नहीं निकाला कोई हल
बस ऑपरेटरों का कहना है कि बीते 6 महीने पहले भी प्रदेश के मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साथ 3 बार बैठक हुई लेकिन इसके बावजूद भी कोई हल नहीं निकाला गया। डीज़ल की बढ़ती कीमतों पर न ही कोई लगाम लगाई न ही किराया वृद्धि पर कोई समाधान दिया गया। आरटीओ अफसर दो मिनट के अंतराल पर परमिट जारी कर रहे हैं।
सीधी हादसे का बनाया शिकार
संचालकों का कहना है कि बीते दिनों सीधी बस हादसे में में गलती सतना और सीधी प्रशासन की है और गलती छिपाने के लिए इसका जिम्मेदार बस संचालकों को ठहराया जा रहा है। हड़ताल करने की वजह यह भी है।
औसतन रोज 50 से 55 हजार यात्री करते हैं सफर
जबलपुर से संचालित लगभग 650 बसों के पहिए कल थम जाएंगे। इसकी वजह से इन बसों में रोजाना सफर करने वाले 50 हजार के लगभग यात्री परेशान होंगे। जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के ISBT से 400 और शहर के दूसरे हिस्सों से लगभग 250 बसों का संचालन मंडला, डिंडोरी, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, भोपाल, कटनी, सतना, सीधी, मैहर, रीवा, उमरिया, अमरकंटक, नागपुर, छिंदवाड़ा और लोकल में होता हैं। इन बसों में कई एक फेरा तो कई दो से तीन फेरा की परमिट पर संचालित हैं। 32 से 50 सीट की इन बसों में औसतन रोज 50 से 55 हजार यात्री सफर करते हैं।
सुबह पांच बजे से ठप होगा संचालन
बसों का संचालन पूरे प्रदेश में एक साथ शुक्रवार सुबह पांच बजे से शनिवार सुबह पांच बजे के लिए ठप होगा। उनकी दो सूत्रीय मांग है कि बस के किराए में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाए। वहीं डीजल-पेट्रोल को GST दायरे में लाया जाए। इससे डीजल-पेट्रोल की कीमत में 25 से 30 रुपए की कमी आ जाएगी।