निकाय चुनाव से मिशन 2023 का रोडमैप बना रहे कमलनाथ
टिकट चयन में कांग्रेस की बढ़त को माना जा रहा कमलनाथ के होमवर्क का नतीजा
भोपाल (जोशहोश डेस्क) निकाय चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रदेश के 16 नगर निगमों में रतलाम को छोड़कर 15 पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इस तरह नगर निगमों में नाम घोषित करने की मामले में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। इसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा टिकट चयन को लेकर किये गए होमवर्क का नतीजा माना जा रहा है। साथ ही यह कहा जा रहा है कि कमलनाथ निकाय चुनाव से मिशन 2023 का रोडमेप भी बनाते दिख रहे हैं।
पूर्व मंत्री और कमलनाथ के करीबी सज्जन सिंह वर्मा ने गुरुवार दिन में ही साफ़ कर दिया कि कांग्रेस ने प्रदेश के 16 में से 11 निगमों में नाम तय कर लिए हैं। वहीं रात तक पार्टी ने 15 नामों की सूची भी जारी कर दी। इनमें राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे बड़े नगर निगम भी शामिल हैं जबकि भाजपा में सबसे ज्यादा माथापच्ची भोपाल और इंदौर को लेकर ही दिख रही है। इसे कमलनाथ की रणनीति ही कहा जा रहा है जिसके चलते कांग्रेस ने एक साथ 15 नगर निगम में महापौर पद के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।
सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि पार्टी आलाकमान ने कमलनाथ को न सिर्फ निकाय चुनाव बल्कि विधानसभा चुनाव के लिए भी फ्री हैंड दे रखा है। इसके चलते ही प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने भी कमलनाथ के साथ एक बैठक के बाद उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया था। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जिस तरह सख्त फैसलों के साथ परिवर्तन हुए हैं उन्हें भी कमलनाथ के मिशन 2023 के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है।
कमलनाथ ने अपने मिशन के तहत ही प्रदेश के अनुभवी नेताओं को भी साथ लेकर उन्हें क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौप दी है। जिससे निमाड़ और विंध्य में कांग्रेस के ताकत बढ़ी हुई दिखाई दे रही है। कमलनाथ सियासी के साथ सामाजिक समीकरणों को भी साधते दिख रहे हैं। मिशन 2023 को ध्यान रखते हुए ही कांग्रेस ने सामाजिक समीकरणों को साधने के लिए व्यापक रणनीति बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। जिसका दारोमदार पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को सौंपा गया है।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कमलनाथ के नेतृत्व में निकाय चुनाव की जो तैयारी सामने आई है उसी की तर्ज़ पर कांग्रेस ने विधानसभा के लिए भी होमवर्क शुरू कर दिया है। विधानसभा वार सर्वे से विधायकों की स्थिति और उम्मीदवारों की तलाश पर चल रहा फोकस इसका प्रमाण माना जा रहा है। अगर निकाय चुनाव की तर्ज़ पर समय रहते और विवाद के बिना विधानसभा के लिए भी उम्मीदवारों का चयन होता है तो यह निश्चित ही कांग्रेस के लिए सुखद नतीजे लाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।